'यह तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत', खतरनाक मोड़ पर पहुंचा इजरायल-ईरान का टकराव; खामेनेई ने भी दे दी चेतावनी
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर है। ईरान ने इजरायल के तेल अवीव पर मिसाइल से हमला किया जिसमें तीन नागरिकों की मौत हो गई। इजरा ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है। ईरान ने इजरायल के तेल अवीव शहर में मिसाइल से हमला किया, इस अटैक में तीन इजरायली नागरिकों की मौत हो गई। इस हमले के बाद इजरायल ने बेहद कड़ा जवाब देने की घोषणा की है।
इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल काट्ज ने कड़े शब्दों में कहा कि अगर ईरान ने मिसाइल अटैक बंद नहीं किए, तो तेहरान जल जाएगा। काट्ज ईरान पर आरोप लगाया कि वह अपने नागरिकों को ढाल बनाकर इस्तेमाल कर रहा है।
इजरायल का ईरान पर आरोप
उन्होंने कहा कि ईरानी तानाशाह अपने लोगों को बंधक बना रहा है और उन्हें एक ऐसी स्थिति में डाल रहा है, जहां खासकर तेहरान के नागरिकों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस बीच, ईरान ने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि अगर वे इजरायल का समर्थन करेंगे तो उन्हें भी निशाना बनाया जाएगा।
ईरान की सरकार मीडिया मेहर न्यूज एजेंसी ने कहा, "जो भी देश इजरायल की मदद करेगा उसके सैन्य अड्डे, जहाज और समुद्री जहाज हमारे निशाने पर होंगे।"
ऑपरेशन 'राइजिंग लॉयन' की शुरुआत
बता दें, बीते शुक्रवार को इजरायल ने ईरान पर हमला कर ऑपरेशन राइजिंग लॉयन की शुरुआत की। इजरायली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने बताया कि इस ऑपरेशन में 200 फाइटर जेट ने भाग लिया था और 100 से अधिक ठिकानों पर हमला किया गया था। वहीं, ईरान ने इजरायल पर करीब 100 ड्रोन्स से हमला किया था।
ब्रिटेन के सुरक्षा विशेषज्ञ प्रोफेसर एंथनी ग्लीस ने दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव को तीसरे विश्वयुद्ध की संभावित शुरुआत बताया है। उन्होंने कहा कि अगर ईरान और उसके सहयोगी जैसे हिज्बुल्ला, हौथी और हमास जवाबी कार्रवाई करते हैं, तो यूरोप और अमेरिका को भी इसमें खींचने से रोका नहीं जा सकता है।
उन्होंने चेताया कि रूस, नॉर्थ कोरिया और चीन जैसे देशों के नेता इस मौके का फायदा उठाकर अपने-अपने क्षेत्रों में सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं। जैसे रूस यूक्रेन में, चीन ताइवान में और नॉर्थ कोरिया साउथ कोरिया में।
साइबर जंग का डर
प्रोफेसर ग्लीस ने कहा कि भविष्य का युद्ध तकनीकी रूप से बहुत खतरनाक होगा। सबसे पहले साइबर हमले होंगे, जिससे संचार व्यवस्था ठप हो जाएगी। उन्होंने दावा किया कि इजरायल ने ईरान के डिजिटल नेटवर्क को पहले की कुछ सेकेंड में नष्ट कर दिया था।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि ब्रिटेन क्षेत्र में जेट और सैन्य संसाधन भेज रहा है। साथ ही उन्होंने शांति की अपील करते हुए कहा, "हमारा संदेश साफ है तनाव को कम करो।"

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