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    'अपने कद से ज्यादा मुंह खोल रहे हैं US के राष्ट्रपति...', ट्रंप के 'सरेंडर' वाले बयान पर खामेनेई का काउंटर अटैक

    ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान से सरेंडर करने की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने ट्रंप के बयान को उनके कद से बड़ा बताते हुए अमेरिका को भविष्य में ईरान पर हमला न करने की कड़ी चेतावनी दी। खामनेई ने कहा कि अमेरिका को अपने पिछले हमलों से कुछ हासिल नहीं हुआ और उसने इजरायल को हार से बचाने के लिए ईरान पर हमला किया था।

    By Digital Desk Edited By: Chandan Kumar Updated: Fri, 27 Jun 2025 10:59 AM (IST)
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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस मांग को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने ईरान से सरेंडर करने की बात कही थी। खामनेई ने इसे ट्रम्प के मुंह से निकली एक ऐसी बात करार दिया, जो उनके कद से कहीं बड़ी है। यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब दोनों मुल्कों के बीच तनाव अपने चरम पर है।

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    खामनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'ईरान को सरेंडर करना होगा।' कहने की जरूरत नहीं कि यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति के मुंह से निकलने के लिए बहुत बड़ा है।"

    अमेरिकी अखबार 'द हिल' के मुताबिक, खामनेई ने कहा कि अमेरिका को ईरान पर किए गए सैन्य हमलों से कुछ हासिल नहीं हुआ। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने आगे कोई हमला किया, तो उसे करारा जवाब मिलेगा।

    पहली बार खामेनेई ने दिया बयान

    ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम लागू होने के बाद गुरुवार को पहली बार ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने बयान दिया। उन्होंने कहा, कतर के अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला कर ईरान ने अमेरिका के मुंह पर तमाचा मारा है। यह अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है। उन्होंने अमेरिका को भविष्य में ईरान पर दोबारा हमला न करने के लिए चेताया। कहा कि उसका परिणाम और ज्यादा घातक होगा।

    ईरान के सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित खामेनेई के 10 मिनट के रिकार्डेड वीडियो स्टेटमेंट में अमेरिका और इजरायल को चेतावनी और धमकियां दी गईं।

    उन्होंने कहा, "रविवार को तीन परमाणु संयंत्रों पर अमेरिका के हमले के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं। जबकि वास्तव में उस हमले से अमेरिका को कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ। ट्रंप का बयान सुनकर कोई भी व्यक्ति बता देगा कि वह सच्चाई को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। असल में अमेरिका ने इजरायल को हार से बचाने के लिए ईरान पर हमला किया।"

    (एजेंसी इनपुट के साथ)

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