ट्रंप के शांति प्रस्ताव पर हमास ने साधी चुप्पी, गाजा में इजरायली हमलों से 57 फलस्तीनियों की मौत
गाजा पट्टी में इजरायली हमलों में 57 फलस्तीनी मारे गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के युद्धविराम प्रस्ताव पर हमास ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है क्योंकि वह कुछ बिंदुओं पर चर्चा करना चाहता है। युद्ध में 66 हजार से ज्यादा फलस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं और गाजा में खाद्य सामग्री की आपूर्ति बाधित है जिससे लोग भूख से मर रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गाजा पट्टी में इजरायली हमलों और आपसी गोलीबारी में शुक्रवार को 57 फलस्तीनी मारे गए। गाजा पर इजरायली हमले जारी हैं लेकिन युद्धविराम के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के शांति प्रस्ताव पर चार दिनों में हमास ने कोई निर्णय नहीं लिया है।
बताया गया है कि प्रस्ताव के कुछ बिंदुओं से वह असहमत है और उन पर चर्चा चाहता है। विदित हो कि ट्रंप ने हमास को प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए तीन-चार दिन का समय दिया था। योजना के अनुसार हमास को 48 जीवित-मृत बंधकों को इजरायल को सौंपना है जबकि कुछ शर्तों के साथ इजरायल को गाजा में हमले रोकने हैं। लेकिन करीब दो वर्ष से जारी युद्ध को रोकने वाली तस्वीर बनती प्रतीत नहीं हो रही है।
कुछ बिंदुओं पर चर्चा करना चाहता है फलस्तीन
हमास अपने खात्मे के मसौदे पर खुद दस्तखत नहीं करना चाहता है। हमास से संपर्क वाले मध्यस्थ कतर और मिस्त्र ने कहा है कि हमास को लग रहा है कि प्रस्ताव इजरायल का पक्ष लेते हुए तैयार किया गया है। प्रस्ताव में स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र के गठन के बारे में भी कुछ नहीं कहा गया है। इसलिए फलस्तीनी संगठन कुछ बिंदुओं पर चर्चा करना चाहता है।
66 हजार से ज्यादा फलस्तीनी नागरिकों की मौत
युद्ध में अभी तक 66 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे जा चुके हैं और लाखों लोगों की आबादी वाले गाजा सिटी में इन दिनों भीषण लड़ाई छिड़ी हुई है। हफ्तों से वहां पर खाद्य सामग्री की आपूर्ति नहीं हो रही है, इसलिए वहां पर लोग भूखजनित कारणों से भी मर रहे हैं।
गाजा में खाद्यान्न पहुंचाने की गैर सरकारी कोशिश विफल
खाद्य सामग्री लेकर जा रहे 42 जहाजों के काफिले में शामिल अंतिम जहाज को भी इजरायली नौसेना ने कब्जे में ले लिया है और उसे इजरायल के बंदरगाह अशदोद की ओर ले जाया गया है। इन जहाजों से हिरासत में लिए गए करीब 450 लोगों में से कुछ को वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस गैर सरकारी अभियान के आयोजकों ने गाजा की गैरकानूनी घेराबंदी तोड़ने की कोशिश को बलपूर्वक विफल करने की इजरायली कार्रवाई की निंदा की है।
कहा है कि वह भूख से त्रस्त लोगों के लिए खाद्य सामग्री लेकर जा रहे थे, इस मानवीय कार्य को भी रोका गया, यह अमानवीय कृत्य है-इसके खिलाफ विश्व को एकजुट होना चाहिए। इस अभियान में स्वीडन की पर्यावरण सुधार कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सहित कई प्रमुख लोग शामिल थे।
(समाचार एजेंसी एपी के इनपुट के साथ)
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