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    गाजा में इजरायली सेना और हमास लड़ाकों के बीच भीषण लड़ाई, 85 फलस्तीनियों की मौत; लाखों जिंदगियों पर खतरा

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Fri, 19 Sep 2025 06:55 AM (IST)

    गाजा पट्टी के दक्षिणी हिस्से में फलस्तीनी लड़ाकों के साथ लड़ाई में गुरुवार को चार इजरायली सैनिक मारे गए जबकि इजरायल के हमलों में 85 फलस्तीनी मारे गए हैं। मारे गए लोगों में हमास लड़ाके भी शामिल हैं। गाजा सिटी में भीषण लड़ाई के बीच इजरायली सेना टैंकों से गोलाबारी करते हुए आगे बढ़ रही है। गाजा के सबसे बड़े इस शहर की दूरसंचार व्यवस्था भंग कर दी गई है।

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    गाजा में इजरायली सेना और हमास लड़ाकों के बीच भीषण लड़ाई (फोटो- रॉयटर)

     एपी, यरुशलम। गाजा पट्टी के दक्षिणी हिस्से में फलस्तीनी लड़ाकों के साथ लड़ाई में गुरुवार को चार इजरायली सैनिक मारे गए जबकि इजरायल के हमलों में 85 फलस्तीनी मारे गए हैं। मारे गए लोगों में हमास लड़ाके भी शामिल हैं। गाजा सिटी में भीषण लड़ाई के बीच इजरायली सेना टैंकों से गोलाबारी करते हुए आगे बढ़ रही है।

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    गाजा शहर की दूरसंचार व्यवस्था भंग

    गाजा पट्टी के सबसे बड़े इस शहर की दूरसंचार व्यवस्था भंग कर दी गई है। शहर की इंटरनेट और टेलीफोन लाइनें काट दी गई हैं। गाजा सिटी के किनारे पर 30 लोगों के परिवार के साथ टेंट में रह रहे बासेम अल-कनोऊ लाचारी जताते हुए कहते हैं कि हम कहां जाएं। खाने की किल्लत के बाद अब यहां पर जिंदगी को भी खतरा है। आसपास बम फूट रहे हैं और गोलियां चल रही हैं, हर मिनट जान का खतरा बना हुआ है।

    इजरायली टैंक गाजा सिटी में लगातार आगे बढ़ रहे

    इजरायली सेना के प्रवक्ता ने बताया है कि वायुसेना के सहयोग से और टैंकों की अगुआई में सैनिक गाजा सिटी में प्रतिरोध को कुचलते हुए आगे बढ़ रहे हैं। अब हम हमास को हराने का उद्देश्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हम हमास पर इतना दबाव बनाएंगे कि वह इजरायली बंधकों को रिहा कर दे। इस समय हमास के पास 48 बंधक हैं, इनमें से 20 के जीवित होने की उम्मीद है।

    इन बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। जबकि गाजा सिटी में सैन्य कार्रवाई से इन बंधकों के जीवन पर खतरा बढ़ गया है। इजरायली सेना की कार्रवाई के चलते गाजा सिटी को कई लाख लोग छोड़ चुके हैं लेकिन लाखों लोग अभी भी शहर में हैं।

    वेस्ट बैंक में आतंकी हमले में दो इजरायली सैनिक मरे

    वेस्ट बैंक की जार्डन से लगने वाली सीमा पर एलेनबी क्रॉसिंग पर फायरिंग में दो इजरायली सैनिक मारे गए हैं। इजरायली और जार्डन के सैनिकों की फायरिंग में हमलावर ड्राइवर भी मारा गया। यह ड्राइवर फलस्तीनियों के लिए राहत सामग्री लेकर जार्डन से आ रहा था।

    इसी दौरान क्रॉसिंग पर उसने छिपाकर लाए हथियार से वहां तैनात इजरायली सैनिकों पर फायरिंग कर दी। इजरायली सेना ने इसे आतंकी हमला बताया है। एक अन्य घटनाक्रम में इजरायली लड़ाकू विमानों ने गुरुवार को लेबनान में हिजबुल्ला के ठिकानों पर हमला किया। इस हमले में हुए जान-माल के नुकसान का पता नहीं चल सका है।

    इजरायल में सरकार और सेना में मतभेद के संकेत

    गाजा युद्ध से जुड़े निर्णयों को लेकर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके सैन्य प्रमुखों के बीच मतभेद की खबरें हैं। गाजा सिटी में जमीनी कार्रवाई और वहां पर स्थायी कब्जे के निर्णय से इजरायली सेना सहमत नहीं थी। इसी प्रकार से कतर में हवाई हमला कराने को लेकर सेना में सहमति नहीं थी और युद्धविराम के लिए सरकार जिस तरह की अनिर्णय की स्थिति बनाकर हमास के साथ परोक्ष वार्ता कर रही थी, इसे लेकर भी सैन्य प्रमुख सहमत नहीं थे।

    सेना को मानना है कि सरकार के निर्णयों से इजरायल विश्व में अलग-थलग पड़ गया है। यहां तक कि सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने भी कतर पर हमले की निंदा की और वहां पर सर्वसम्मति से इजरायल की निंदा का प्रस्ताव पारित हुआ।

    इसी प्रकार से संयुक्त राष्ट्र आमसभा में भी इजरायल के खिलाफ आए प्रस्ताव का 142 देशों ने समर्थन किया जबकि प्रस्ताव के विरोध में अमेरिका और इजरायल समेत केवल 10 देशों ने मत दिया।

    फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने वाले देशों की संख्या बढ़ रही

    स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने वाले देशों की संख्या बढ़ती जा रही है और एक समय इजरायल के मित्र रहे यूरोपीय देश अब इजरायली उत्पादों पर टैरिफ और प्रतिबंध लगाने की बातें कर रहे हैं।

    यरुशलम मुख्यालय वाले इजरायल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के प्रमुख योनाथन प्लेजनर ने कहा, हम इस समय बिल्कुल अलग और अप्रत्याशित दौर में हैं। देश के प्रमुख निर्णय और राष्ट्रीय हित मसलों पर सारे निर्णयों का अधिकार केवल एक व्यक्ति प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर है। इसी से मतभेद पैदा हो रहे हैं।

    गाजा सिटी पर हमलों से उनके जीवन पर खतरा बढ़ गया है

    कट्टरपंथी दलों के समर्थन पर चल रही सरकार को ऐसे निर्णय लेने पड़ रहे हैं जिनसे उसकी अलोकप्रियता बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं बंधकों की रिहाई के मसले में भी सरकार की भूमिका की आलोचना हो रही है। कतर में हमास नेताओं पर हमले और अब गाजा सिटी पर हमलों से उनके जीवन पर खतरा बढ़ गया है।