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    Iraq Protests: यूरोपीय संघ ने इराक में हिंसक प्रदर्शनों पर जताई चिंता, कहा- संयम बरतें सभी पक्ष

    By Achyut KumarEdited By:
    Updated: Tue, 30 Aug 2022 11:12 AM (IST)

    Iraq Protests शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद के राजनीति छोड़ने की घोषणा के बाद इराक में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई है। यूरोपीय संघ ने हिंसक प्रदर्शन पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है।

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    Iraq Protests: इराक में हिंसक प्रदर्शनों पर यूरोपीय संघ ने जताई चिंता (फोटो- एएनआइ)

    बगदाद, एजेंसी। इराक (Iraq) में शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र (Muqtada al-Sadr) के राजनीति छोड़ने की घोषणा के बाद उनके समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष के बाद चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर चिंता व्यक्त करते हुए यूरोपीय संघ (European Union) ने सभी पक्षों से हिंसा को रोकने के लिए संयम बरतने का आग्रह किया है।

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    यूरोपीय संघ ने संयम बरतने का किया आग्रह

    एक बयान में यूरोपीय संघ ने सभी पक्षों से आगे की हिंसा को रोकने के लिए संयम बरतने का आग्रह किया और राजनीतिक ताकतों को संवैधानिक ढांचे के भीतर एक रचनात्मक राजनीतिक बातचीत के माध्यम से मुद्दों को हल करने के लिए आमंत्रित किया है।

    प्रदर्शन के दौरान 20 लोगों की हुई मौत

    मुक्तदा अल-सद्र के सोमवार को राजनीति छोड़ने की घोषणा के बाद उनके हजारों समर्थक इराक के प्रेसिडेंशियल पैलेस (Iraq's presidential palace) पर धावा बोल दिया और सुरक्षा बलों से भिड़ गए। इस दौरान 20 लोगों की जान चली गई।

    मसूद बरजानी ने सभी पक्षों से संयम बरतने का किया आग्रह

    अल जजीरा ने बतााया कि अनुभवी कुर्दिश राजनेता मसूद बरजानी (Veteran Kurdish politician Masoud Barzani) ने भी संयम बरतने का आह्वान किया है। उन्होंने सभी पक्षों से संघर्षों को सुलझाने में हथियारों और हिंसा की भाषा का सहारा नहीं लेने का आग्रह किया है।

    उत्तरी इराक के अर्ध-स्वायत्त कुर्द क्षेत्र के पूर्व राष्ट्रपति और कुर्दिस्तान डेमोक्रेटिक पार्टी (Kurdistan Democratic Party) के प्रमुख बरजानी ने भी सभी पक्षों से 'उन समाधानों के बारे में सोचने का आह्वान किया जो इराकी लोगों के लिए अच्छे हैं और लोगों और देश के सामान्य हितों को ध्यान में रखते हैं।'

    तुर्किए ने  अपने नागरिकों से बगदाद की यात्रा करने से बचने का किया आग्रह

    इस बीच, तुर्किए (Turkiye), जिसके तुर्की के नाम से पहले जाना जाता था, ने अपने नागरिकों से बगदाद की यात्रा करने से बचने का आग्रह किया और मौजूदा संकट को हल करने के लिए 'समावेशी वार्ता' का आह्वान किया । तुर्किए के विदेश मंत्रालय (Turkish Foreign Ministry) ने एक बयान में कहा, 'तुर्किए के भाई-बहन इराक के घटनाक्रम को लेकर चिंतित है।'

    विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा कि उसे उम्मीद है कि मौजूदा राजनीतिक संघर्षों को शांतिपूर्वक और समावेशी बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाएगा और इराकी लोगों की शांति और भलाई सुनिश्चित की जाएगी।

    अल जजीरा ने इराक के राज्य मीडिया का हवाला देते हुए कहा, 'इराक के मुक्तदा अल-सदर ने हिंसा और हथियारों का इस्तेमाल बंद होने तक भूख हड़ताल की घोषणा की है।'

    इराक में लगाया गया कर्फ्यू

    इससे पहले, शिया धर्मगुरु अल-सद्र के राजनीति से इस्तीफे की घोषणा के बाद उनके समर्थकों में नाराजगी फैल गई और उन्होंने प्रेसिडेंसियल पैलेस पर धावा बोल दिया था। इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षा बल असफल रहे, जिसके बाद देश में तत्काल कर्फ्यू लगा दिया गया।

    संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने हिंसा से बचने के लिए कदम उठाने का किया आग्रह

    संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (UN Secretary-General Antonio Guterres) ने सभी पक्षों से स्थिति को कम करने और किसी भी हिंसा से बचने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया। महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख सभी पक्षों से अपने मतभेदों से ऊपर उठने का आग्रह करते हैं।

    सभी पक्षों से शांति और संयम बरतने की अपील

    बयान में कहा गया कि महासचिव इराक में चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर नजर रखे हुए हैं। वे हताहतों की रिपोर्ट को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने सभी से शांति और संयम की अपील की है। इसके अलावा, सभी संबंधित लोगों से किसी भी हिंसा से बचने और स्थिति को काबू में करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है।

    जुलाई में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में बोला धावा

    इससे पहले जुलाई में, कई इराकी प्रदर्शनकारियों, जिनमें ज्यादातर शिया नेता मुक्तदा अल-सद्र के समर्थक थे, ने प्रतिद्वंद्वी ईरान समर्थित पार्टियों द्वारा प्रधानमंत्री के नामांकन के विरोध में बगदाद में भारी किलेबंद संसद भवन पर धावा बोल दिया था। 

    प्रधानमंत्री पद के लिए अल-सुदानी की उम्मीदवारी का विरोध

    प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री पद के लिए मोहम्मद शिया अल-सुदानी (Mohammed Shia al-Sudani) की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे, क्योंकि उनका मानना ​​है कि वह ईरान के बहुत करीब हैं।