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    नेतन्याहू भड़के तो ढीले पड़े फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, तुरंत मिलाया फोन, कहा- हम तो इजरायल के साथ खड़े

    Updated: Mon, 07 Oct 2024 07:16 AM (IST)

    Emmanuel Macron and Benjamin Netanyahu इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खफा होने के बाद फ्रांस के सुर नरम पड़े हैं। पहले राष्ट्रपति मैक्रों के बयान पर सफाई आई। इसके बाद दोनों नेताओं ने फोन पर बात की। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति ने इजरायल की रक्षा की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने आगे यह भी कहा कि फ्रांस इजरायल के साथ खड़ा है।

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    इमैनुएल मैक्रों और बेंजामिन नेतन्याहू। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फ्रांस ने इजरायल को हथियार देने पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया। इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर भड़क उठे और खूब खरी-खोटी सुनाई। इजरायली पीएम के कड़े तेवर देख फ्रांस नरम पड़ गया। रविवार को अचानक फ्रांस के राष्ट्रपति ने फोन मिलाकर बेंजामिन नेतन्याहू से बात की। मैक्रों ने स्पष्ट कहा कि वह इजरायल के साथ खड़े हैं।

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    एक-दूसरे को समझने की जताई इच्छा

    फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने एक दिन पहले इजरायल पर हथियार प्रतिबंध लगाने का एलान किया था। इसके बाद इजरायल भड़क गया था। फोन पर की गई बातचीत के बारे में फ्रांस ने बताया कि दोनों नेताओं ने अपने मतभेदों को स्वीकार किया है। एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझने की इच्छा भी जताई। हालांकि फ्रांस ने संकेत दिया कि मैक्रों इजरायल को हथियार बेचने के अपने विरोध से पीछे नहीं हटेंगे।

    मैक्रों ने सुरक्षा की प्रतिबद्धता दोहराई

    फोन पर बातचीत के दौरान नेतन्याहू ने मैक्रों से कहा कि उम्मीद है कि इजरायल के मित्र पीछे खड़े होंगे। कोई ऐसी सीमा नहीं लगाएंगे जो केवल ईरानी आतंकवादी गठबंधन को मजबूत करें। नेतन्याहू ने कहा कि हिजबुल्लाह के खिलाफ आईडीएफ अभियान, जिसका मैक्रों विरोध करते हैं। वह पूरे क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और शांति की दिशा में लेबनान में वास्तविकता को बदलने का अवसर है। उधर, मैक्रों ने इजरायल की सुरक्षा के लिए फ्रांस की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि फ्रांस ने ईरानी हमलों के खिलाफ इजरायल की रक्षा में मदद की थी।

    यह है पूरा मामला

    शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने एक साक्षात्कार में कहा था कि मुझे लगता है कि आज प्राथमिकता यह है कि हम एक राजनीतिक समाधान पर लौटें और हम गाजा में लड़ने के लिए हथियार भेजना बंद करें। फ्रांस इजरायल को कोई हथियार नहीं भेज रहा है। मैक्रों के इसी बयान पर नेतन्याहू भड़क उठे थे। उन्होंने मैक्रों के बयान को शर्मनाक बताया था। उन्होंने यह कहा था कि इजरायल फ्रांस की मदद के बिना यह युद्ध जीतेगा।

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