इराक में 1700 सैनिकों की सामूहिक हत्या में 14 आतंकियों को फांसी, सलाहुद्दीन पर कब्जे के दौरान घटी थी घटना
इराक की अदालत ने 1700 सैनिकों की हत्या के मामले में 14 आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। 2014 में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) ने सलाहुदीन प्रांत की राजधानी तिकरित पर कब्जा किया था। इसी दौरान यह सामूहिक हत्या हुई थी।
बगदाद, आइएएनएस। इराक की एक अदालत ने करीब 1,700 सैनिकों की सामूहिक हत्या के मामले में 14 आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई है। 2014 में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने सलाहुदीन प्रांत की राजधानी तिकरित पर कब्जा किया था। इसी दौरान यह सामूहिक हत्या हुई थी।
सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने क्या कहा?
इराक की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने एक बयान में कहा, 'सेंट्रल क्रिमिनल कोर्ट ने 14 आतंकियों को फांसी देने का आदेश जारी किया है। ये सामूहिक हत्या में लिप्त थे।' जून 2014 में आइएस के सशस्त्र आतंकियों ने इराकी सुरक्षा बलों पर अचानक धावा बोल दिया था और देश के उत्तर एवं पश्चिम में बहुत बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था।
अपने पोस्ट से भागी सेना
इसके बाद सेना अपने पोस्ट से भाग निकली। तिकरित के उत्तर में एक वायुसैनिक अड्डे से भागे 1,700 सैनिकों का अपहरण किया गया और उनकी हत्या कर दी गई थी। बाद में आतंकी संगठन ने वीडियो और फोटो पोस्ट किया, जिसमें उसने अपने आतंकियों को ट्रकों से दर्जनों सैनिकों को ले जाते और उसके बाद सिर झुकाने के लिए बाध्य कर गोलियों की बौछार करते दिखाया था।
बता दें कि इराक में पत्रकारों की हत्या को लेकर भी लगातार सवाल उठाए जाते है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इराक और सीरिया में पिछले 20 सालों में 578 पत्रकार मारे गए थे, जो दुनिया में हुई कुल मौतों (पत्रकारों की मौत) का 33 प्रतिशत है। इराक और सीरिया के बाद अफगानिस्तान, यमन और फिलिस्तीन में पत्राकारों की सबसे अधिक मौतें हुई हैं। अगर वैश्विक रूप से पुरी दुनिया की बात करे तो साल 2012 और साल 2013 के दौरान सबसे अधिक क्रमशः 144 और 142 पत्रकारों की मौत हुई थी।