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    रिटायर होने वाले हैं शी चिनफिंग! पहली बार कम्युनिस्ट पार्टी को सौंप रहे अधिकार, जानिए कब मिलेगा चीन को नया राष्ट्रपति

    शी चिनफिंग आजीवन राष्ट्रपति बनने की तैयारी के बाद अब सेवानिवृत्ति की तैयारी कर रहे हैं। वे सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अंगों को अधिकार सौंप रहे हैं जो उनके शासनकाल में पहली बार हो रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सत्ता के व्यवस्थित हस्तांतरण या संभावित सेवानिवृत्ति की तैयारी का संकेत हो सकता है।

    By Agency Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Sun, 06 Jul 2025 09:30 PM (IST)
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    30 जून को बैठक में पार्टी के संस्थानों के कार्यों पर नए नियमों की समीक्षा की गई (फोटो: रॉयटर्स)

    पीटीआई, बीजिंग। आजीवन चीन के राष्ट्रपति रहने की तैयारी वाले शी चिनफिंग ने एकाएक अपनी सेवानिवृत्ति की तैयारी शुरू कर दी है। वह अब सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख अंगों को अधिकार सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं, जो उनके 12 साल से अधिक के शासन में पहली बार हो रहा है।

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    शी की इस पहल ने इस बात की अटकलें तेज कर दी हैं कि वे सत्ता के व्यवस्थित हस्तांतरण की तैयारी कर रहे हैं या संभावित सेवानिवृत्ति के लिए अपने भूमिका को कम कर रहे हैं। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने हाल ही में रिपोर्ट किया कि सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के शक्तिशाली 24-सदस्यीय राजनीतिक ब्यूरो ने 30 जून को अपनी बैठक में पार्टी के संस्थानों के कार्यों पर नए नियमों की समीक्षा की।

    चिनफिंग का तीसरा कार्यकाल समाप्त होगा

    इस बैठक की अध्यक्षता स्वयं शी चिनफिंग ने की। इसमें जोर दिया गया कि ये नियम सीपीसी केंद्रीय समिति के निर्णय लेने, विचार-विमर्श और समन्वय संस्थानों की स्थापना, जिम्मेदारियों और संचालन को और अधिक मानकीकृत करेंगे। विश्लेषकों का कहना है कि सत्ता में बने रहने या सत्ता साझा करने की उनकी योजना 2027 में होने वाले सीपीसी के अगले पांच वर्षीय कांग्रेस से पहले होने की उम्मीद है, जब तक उनका तीसरा कार्यकाल समाप्त होगा।

    हालांकि हाल के महीनों में विदेश में चीनी विपक्षी समुदाय में सीपीसी के भीतर सत्ता संघर्ष की अटकलें तेज थीं। एक चीन-आधारित राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि इन पार्टी निकायों पर नियम शी की सेवानिवृत्ति की तैयारी का संकेत दे सकते हैं। शी, जिन्हें सीपीसी के संस्थापक माओ जेडोंग के बाद सबसे शक्तिशाली नेता माना जाता है, कुछ शक्तियों को सौंप रहे हैं ताकि वे बड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

    फिसलती अर्थव्यवस्था भी है कारण

    • शी ने रियो डी जनेरियो में हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी भाग नहीं लिया। यह पहली बार है जब वे चीन के राष्ट्रपति बनने के बाद इस उभरती अर्थव्यवस्थाओं के शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे।
    • शी का सत्ता साझा करने का यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध के बीच आया है, जिसने चीन के अमेरिका को 440 अरब डॉलर के निर्यात को बाधित किया है। चीनी अर्थव्यवस्था को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें विकास में गिरावट व आवास-बाजार का पतन शामिल है।

    माओ के बाद 'कोर नेता' घोषित हुए शी

    2012 में सीपीसी के महासचिव बनने के बाद से पहले उप राष्ट्रपति रह चुके शी ने पार्टी, राष्ट्रपति पद और केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख शक्ति केंद्रों में अपने अधिकार को तेजी से मजबूत किया।

    उन्होंने ढांचागत शक्तियों पर पकड़ मजबूत कर चीन का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया। शी को पार्टी का 'कोर नेता' घोषित किया गया। यह उपाधि केवल पार्टी के संस्थापक माओ जेडोंग को दी गई थी। शी ने बिना किसी कार्यकाल सीमा के सत्ता में बने रहने का निर्णय लिया।

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