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कोविड वायरस को चीन ने जैविक हथियार के रूप में किया इस्तेमाल, वुहान के शोधकर्ता ने किया अहम खुलासा

COVID 19 चीनी शोधकर्ता ने दावा किया है कि चीन ने कथित तौर पर कोरोना वायरस को जैव हथियार के रूप में तैयार किया है। चीनी शोधकर्ता ने बताया कि उन्हें और उनके सहयोगियों को यह निर्धारित करने के लिए वायरस के चार प्रकार दिए गए थे और कहा गया था कि कौन सा सबसे प्रभावी ढंग से फैल सकता है।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Thu, 29 Jun 2023 10:43 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jun 2023 11:00 AM (IST)
वुहान के शोधकर्ता ने कोरोना वायरस को लेकर किया खुलासा।

बीजिंग, एजेंसी। कोरोना वायरस (Covid-19) को लेकर चीन हमेशा से जानकारी छिपाता रहा है, लेकिन हाल ही में एक चौकाने वाली खबर सामने आई हैं। एक चीनी शोधकर्ता ने दावा किया कि चीन के कथित तौर पर कोरोना वायरस को एक जैव हथियार (Bioweapon) के रूप में विकसित किया।

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चीनी शोधकर्ता का बड़ा खुलासा

चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के एक शोधकर्ता ने दावा किया है कि चीन ने कथित तौर पर कोरोना वायरस को जैव हथियार के रूप में तैयार किया है। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर किए गए एक इंटरव्यू में चीनी शोधकर्ता चाओ शाओ ने इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन के सदस्य जेनिफर जेंग के सामने इसका खुलासा किया है।

'चीन ने COVID-19 को जैव हथियार के रूप में किया तैयार'

चीनी शोधकर्ता ने बताया कि उन्हें और उनके सहयोगियों को यह निर्धारित करने के लिए वायरस के चार प्रकार दिए गए थे और कहा गया था कि कौन सा सबसे प्रभावी ढंग से फैल सकता है। मालूम हो कि जेनिफर जेंग का जन्म चीन में हुआ था और उन्होंने मार्च से अप्रैल 2020 के बीच ये इंटरव्यू लिया था।

इंटरव्यू में चाओ शाओ ने कहा कि लैब के एक अन्य शोधकर्ता शान चाओ ने स्वीकार किया था कि उनके वरिष्ठ ने उन्हें मनुष्यों सहित विभिन्न प्रजातियों में उनकी संक्रामकता का परीक्षण करने के लिए कोरोनो वायरस के चार प्रकार दिए थे। चाओ शाओ ने कोरोना वायरस को जैव हथियार बताया।

चीन ने कैसे फैलाया कोरोना, शोधकर्ता का खुलासा

इसके साथ ही चीनी शोधकर्ता ने बताया कि 2019 में उनके कई साथी लापता हो गए थे। बाद में एक लापता साथी खुलासा किया कि उनकी स्वास्थ्य स्थितियों का निरीक्षण करने के लिए होटलों में भेजा गया था। उन्होंने बताया कि इन होटलों में विभिन्न देशों के एथलीटों को ठहराया जाता था।

चाओ शाओ ने कहा कि उन्हें संदेह है कि उनका असली उद्देश्य वायरस फैलाना था, क्योंकि स्वास्थ्य की स्थिति जांच के लिए वायरोलॉजिस्ट की आवश्यकता नहीं होती है।


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