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    China: शिनजियांग में उइगर शिविरों को औपचारिक जेलों में बदला गया, बंदियों को दी गई लंबी सजा

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Wed, 25 Jan 2023 01:44 PM (IST)

    China News वॉशिंगटन डीसी स्थित रेडियो नेटवर्क वॉयस ऑफ अमेरिका के साथ हाल ही में एक उइगर शख्स जमाल का साक्षात्कार किया गया था। इसमें जमाल ने कहा कि शिनजियांग में पासपोर्ट पर चीनी नीति ये है कि किसी को भी सीमा पार नहीं करने दिया जाए। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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    Uyghur camps in Xinjiang converted into prisons

    बीजिंग, एजेंसी। Uyghur Camps in Xinjiang: चीन के शिनजियांग में कई उइगर शिविरों को औपचारिक जेलों में बदल दिया गया है। यहां के कैदियों को लंबी जेल की सजा दी गई है। अमेरिकी पत्रिका फॉरेन अफेयर्स के अनुसार, कई बंदियों को शिनजियांग या देश के अन्य हिस्सों में शिविरों से कारखानों में स्थानांतरित किया गया है। विदेशों में कुछ उइगर परिवारों ने रिपोर्ट दी है कि उनके रिश्तेदार घर वापस आ गए हैं, लेकिन नजरबंद हैं। गरीबी उन्मूलन अभियान की आड़ में बीजिंग हजारों ग्रामीण उइगरों को उनके गांवों से निकलकर कारखानों में जाने के लिए मजबूर कर रहा है।

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    उइगर भाषा और इस्लामी प्रथाओं पर प्रतिबंध

    चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने उइगर भाषा के उपयोग और इस्लामी प्रथाओं की आलोचना की और इसे प्रतिबंधित कर दिया है। मस्जिदों और कब्रिस्तानों को तोड़ दिया गया है। उइगर संस्कृति और इसकी विशिष्टता को नकारने के लिए इतिहास को फिर से लिखा गया है। साथ ही पाठ्यपुस्तकों से भी उइगर साहित्य को हटा दिया गया है।

    प्रभावी साबित हुई डिजिटल निगरानी

    फॉरेन अफेयर्स के अनुसार, कुछ साल पहले दक्षिणी शिनजियांग में युद्ध क्षेत्र जैसा दिखने वाला नियंत्रण बुनियादी ढांचा, दखल देने वाली पुलिसिंग, सैन्य गश्त और चौकियां अब कम दिखाई देती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मोबाइल फोन, चेहरे की पहचान, बायोमेट्रिक डेटाबेस, क्यूआर कोड और आबादी की पहचान करने वाले जियो-लोकेटर सहित अन्य उपकरणों पर आधारित डिजिटल निगरानी प्रणाली स्थानीय निवासियों की निगरानी और नियंत्रण में उतनी ही प्रभावी साबित हुई है।

    चीन से बाहर नहीं जा सकते हैं उइगर

    वॉशिंगटन डीसी स्थित रेडियो नेटवर्क वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) के साथ हाल ही में एक उइगर शख्स जमाल का साक्षात्कार किया गया था। इसमें जमाल ने कहा कि शिनजियांग में पासपोर्ट पर चीनी नीति ये है कि किसी को भी सीमा पार नहीं करने दिया जाए। जिनेवा डेली की खबर के अनुसार, जमाल ने साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि चीन उइगरों को नया पासपोर्ट जारी नहीं करता है। उन्होंने कहा कि चीनी अधिकारियों द्वारा प्रतिशोध के डर से चीन छोड़ने के बाद भी उइगर मीडिया से बात नहीं करते हैं। जमाल के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने उस पर पासपोर्ट लौटाने के लिए दबाव डाला क्योंकि उसकी पत्नी विदेशी है।

    उइगरों के लिए सिर्फ पासपोर्ट और वीजा काफी नहीं

    जमाल ने कहा कि किसी भी उइगर पासपोर्ट धारक को चीन में किसी भी सीमा शुल्क चौकी पर प्रांतीय अधिकारियों के सामने सहमति दस्तावेज पेश करना होता है। किसी उइगर व्यक्ति के पास किसी खास देश में जाने के लिए वैध चीनी पासपोर्ट और वीजा का होना ही जरूरी नहीं है। यदि उसके पास सरकार की सहमति का दस्तावेज नहीं है, तो सीमा शुल्क उन्हें सीमा पार नहीं करने देगा।

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