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    जानें- आखिर कौन है चीन का सबसे बड़ा दुश्‍मन और बीजिंग में जारी CPC पर क्‍या है जानकारों की राय

    By Jagran NewsEdited By: Kamal Verma
    Updated: Fri, 21 Oct 2022 12:42 PM (IST)

    बीजिंग में जारी कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी की कांग्रेस में राष्‍ट्रपति शी चि‍नफिंग को लगातार तीसरी बार देश की कमान सौंपना केवल एक औपच‍ारिकता भर ही है। जानकारों की राय में वो एक शक्तिशाली नेता और जिनके नेतृत्‍व में चीन आगे बढ़ने को तैयार है।

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    राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग को ही फिर मिल सकती है सत्‍ता

    नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। चीन में कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी की कांग्रेस पर सभी देशों की निगाहें लगी हुई हैं। इसकी दो खास वजह हैं। पहली वजह इस कांग्रेस में शी चिनफिंग का भाषण और दूसरी वजह चीन की दूसरे मुल्‍कों के प्रति नीति। इसलिए ही चीन में चल रही ये कांग्रेस सभी के लिए खास हो गई है। ये बात किसी से छिपी नहीं है कि चीन के बढ़ते कदम से पूरी दुनिया को खतरा महसूस होने लगा है। वहीं, चीन के जानकार मानते हैं कि अमेरिका उनके लिए सबसे बड़ा दुश्‍मन भी है और खतरा भी है। चीन के मुखपत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक जानकारों का कहना है कि अमेरिका चीन को हर मोर्चे पर विफल करना चाहता है। लेकिन चीन कूटनीतिक स्‍तर पर देश के सामने आने वाली हर चुनौती का सामना करने को तैयार भी है और सक्षम भी है।

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    चीन-अमेरिका रिश्‍ते 

    चीन और अमेरिका के बीच उभरे मौजूदा तनाव पर इन जानकारों की राय है कि चीन अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा किए जा रहे हमलों को अधिक समय तक झेलने वाला नहीं है। इस तरह के हमलों से चीन का कुछ होने वाला भी नहीं है। लेकिन इनसे विश्‍व का माहौल जरूर अशांत हो जाएगा। जानकारों की राय में अमेरिका अपने साथ अधिक से अधिक देशों को लाना चाहता है जिससे चीन पर दबाव बनाया जा सके और उसको विश्‍व में अलग-थलग किया जा सके। जीटी की खबर के मुताबिक अमेरिका ने आज तक विश्‍व के अनेक देशों पर बलपूर्वक नियंत्रण पाने की कोशिश की है। चीन को लेकर भी उसकी यही नीति रही है। चीन के खिलाफ अमेरिका वर्षों से लगातार नए नए मोर्चे खोल रहा है। वैश्विक मंच पर अमेरिका लगातार चीन के खिलाफ गलत तथ्‍य पेश कर रहा है। अमेरिका की मंशा चीन की एकजुटता को तोड़ना और माहौल को अस्थिर बनाना है।

    जानकारों की राय 

    चीन के जानकार मानते हैं कि शी चिनफिंग के नेतृत्‍व में देश पूरी तरह से सुरक्षित भी है और मजबूत भी है। चीन के जानकार शी को एक ताकतवर राष्‍ट्राध्‍यक्ष के रूप में देख रे हैं। उनका मानना है कि देश शी के नेतृत्‍व में एक नए युग में जाने में लिए पूरी तरह से तैयार है। जानकारों की राय में शी के कार्यकाल में चीन की कूटनीति ने एक नया मुकाम हासिल किया है। दुनिया के साथ चीन के रिश्‍तों में जो मजबूती अब देखी जा रही है वो पहले से कहीं अधिक मजबूत है। जीटी कहना है कि चीन में चल रही कांग्रेस के दौरान किसी भी देश के आंतरिक मुद्दों पर कोई प्रहार नहीं किया गया है। न ही दूसरे देशों को चाइनीज माडल अपनाने की बात कही गई है। कांग्रेस की तरफ से विश्‍व को ये सीधेतौर पर संकेत दिया गया है कि वो भी चीन के आंतरिक मामलों में दखल न दे।

    शी को तीसरी बार कमान! 

    जानकारों की तरफ से कही गई ये बात बेहद खास इसलिए हो गई है क्‍योंकि शिनजियांग प्रांत के उइगरों का मुद्दा, ताइवान का मुद्दा, हांगकांग का मुद्दा और दक्षिण चीन सागर मुद्दे के अलावा अन्‍य कई मुद्दे हैं जिन पर पश्चिमी देशों ने चीन को आइना दिखाया है। ताइवान हांगकांग के मुद्दे पर चीन और अमेरिका समेत पश्चिमी देश आमने सामने आ चुके हैं। चीन हर मंच पर इन मुद्दों से दूर रहने की हिदायत विश्‍व को देता रहा है। चीन में जारी कांग्रेस और जानकार की राय इस बात की तरफ भी स्‍पष्‍ट संकेत है कि शी चिनफिंग अपने नए कार्यकाल के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्‍हें तीसरी बार देश की कमान का सौंपा जाना, महज एक औपचरिकता भर ही रह गया है।

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