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    ड्रैगन के डेबिट ट्रैप में फंसे युगांड़ा को चुकानी पड़ी भारी कीमत, चीन का हुआ उसका इकलौता एयरपोर्ट

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sun, 28 Nov 2021 01:43 AM (IST)

    चीन के डेबिट ट्रैप में फंसे युगांड़ा को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। कर्ज चुकाने में विफल रहने की वजह से युगांडा सरकार को अपना प्रमुख हवाई अड्डा चीन के हाथों गंवाना पड़ा है। पढ़ें यह रिपोर्ट ...

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    चीन के डेबिट ट्रैप में फंसे युगांड़ा को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है।

    कंपाला, आइएएनएस। चीन के डेबिट ट्रैप में फंसे युगांड़ा को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक कर्ज चुकाने में विफल रहने की वजह से युगांडा सरकार को अपना प्रमुख हवाई अड्डा चीन के हाथों गंवाना पड़ा है। अफ्रीकी मीडिया टुडे की रिपोर्ट के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार चीन के साथ एक लोन एग्रीमेंट को पूरा करने में विफल रही है। इसे एग्रीमेंट में युगांडा के एकलौते हवाई अड्डे को अटैच करने की शर्तें रखी गई थीं। 

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    इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी कर्जदाताओं की ओर से कर्ज की मध्यस्थता पर कब्जा करने पर सहमति व्यक्त की गई। इसके तहत एंटेबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और युगांडा की दूसरी संपत्तियां कुर्क की गईं। राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी की ओर से एंटेबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बचाने की तमाम कोशिशें बेकार साबित हुईं। राष्ट्रपति ने एक प्रतिनिधिमंडल को बीजिंग भेजा था। इसमें उम्मीद जताई गई थी कि कर्ज को लेकर रखी गई शर्तों पर फिर से बातचीत हो सकेगी लेकिन यह यात्रा असफल रही।

    रिपोर्ट के मुताबिक चीन के अधिकारियों ने सौदे की मूल शर्तों में किसी भी बदलाव की अनुमति देने से मना कर दिया। बता दें कि 17 नवंबर 2015 को युगांडा सरकार ने कर्ज लेने के लिए निर्यात-आयात बैंक आफ चाइना (Exim Bank) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। चीन की ओर से कर्ज देने के लिए कुछ शर्तें रखी गई थी। अब चीनी कर्जदाताओं के साथ हुए समझौते के तहत युगांडा ने चीन को अपना सबसे प्रमुख और महत्‍वपूर्ण हवाई अड्डा सुपुर्द कर दिया है।

    युगांडा नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (Uganda Civil Aviation Authority (UCAA) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि समझौते में एंटेबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को चीन के हवाले किए जाने संबंधी कुछ प्रविधान थे। युगांडा की सरकार की ओर से चीन से बातचीन की तमाम कोशिशें की गईं लेकिन उसकी ओर से 2015 के कर्ज समझौतों को लेकर दलीलों को खारिज कर दिया गया है। चीन के इस हथकंडे से युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी का प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है।