Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्‍या टैरिफ वॉर में बहुध्रुवीय एशिया का खुलेगा रास्ता या अमेरिका की तरह चीन भी दिखाएगा दबंगई? पढ़ें क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

    Updated: Mon, 14 Apr 2025 07:33 PM (IST)

    चीन का तेजी से विकास वैश्विक व्यवस्था के लिए एक चुनौती बनता जा रहा है। मैन्युफैक्चरिंग तकनीक और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में चीन का दबदबा बढ़ रहा है। दूसरी ओर अमेरिका और चीन में टैरिफ वॉर जारी है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या चीन एशिया के बहुध्रुवीय भविष्य में भारत और जापान जैसे देशों को शामिल करेगा? ऐसे ही सभी सवालों के जवाब एक्‍सपर्ट से जानें...

    Hero Image
    बहुध्रुवीय एशिया का खुलेगा रास्ता या चीन का उदय वैश्विक व्यवस्था के लिए बन जाएगा चुनौती। एजेंसी

    डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। चीन ने एक उन्नत, उच्च गुणवत्ता वाला औद्योगिक तंत्र विकसित कर लिया है, जो बाहरी जोखिमों का सामना करने में सक्षम है। साल 2024 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने तेजी से वृद्धि दर्ज की है, जिसका कुल मूल्य 4.49 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह 2023 की समान अवधि की तुलना में 10.6 प्रतिशत अधिक है। चीन का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर कुल जीडीपी का लगभग 39.0 प्रतिशत और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग का 31.6 प्रतिशत हिस्सा है। यह अमेरिका के वैश्विक औद्योगिक उत्पादन से लगभग दोगुना है।

    जेएनयू के चीन एवं दक्षिण एशियाई केंद्र के प्रोफेसर बीआर दीपक  बताते हैं कि एक निर्यातक राष्ट्र के रूप में चीन का व्यापार अधिशेष 992 बिलियन डॉलर से अधिक है। साल 2024 में वैश्विक नवाचार सूचकांक में चीन 11वें स्थान पर रहा, जो दर्शाता है कि पिछले दशक में यह नवाचार के क्षेत्र में सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा है।

    दूसरा चीन ने अमेरिका के साथ अपनी तकनीकी और सैन्य विषमता को काफी हद तक पाट लिया है। उदाहरण के लिए, 26 दिसंबर 2024 को चीन ने छठी पीढ़ी के दो अत्याधुनिक स्टील्थ लड़ाकू विमान प्रदर्शित किए, जिन्होंने अगली पीढ़ी के हवाई युद्ध को लेकर दुनिया भर में ध्यान आकर्षित किया।

    अमेरिकी टेक को झटका

    27 जनवरी 2025 को चीनी एआई स्टार्टअप डीपसीक ने अपने “कम लागत और ओपन सोर्स” मॉडल से अमेरिकी टेक क्षेत्र को करारा झटका दिया, जिससे अमेरिकी टेक कंपनियों का बाजार मूल्य लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर गिर गया। इसमें अकेले एनविडिया का नुकसान 600 अरब डॉलर के आसपास रहा। पोत निर्माण और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में भी चीन ने बढ़त हासिल की है।

    तीसरा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चीन ने वैश्विक नेतृत्व हासिल कर लिया है, जो राष्ट्रपति शी चिनफिंग के 'उच्च गुणवत्ता वाले विकास' के दृष्टिकोण का अभिन्न हिस्सा है।

    चीन सौर पैनल, पवन टरबाइन और लिथियम आयन बैटरियों का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिनकी वैश्विक उत्पादन क्षमता में हिस्सेदारी क्रमशः लगभग 80 प्रतिशत, 60 प्रतिशत और 60 प्रतिशत है। मौजूदा वैश्विक मौद्रिक/आर्थिक, राजनीतिक और भू-राजनीतिक व्यवस्था का विघटन चीन के लिए एक अवसर लेकर आया है।

    यह भी पढ़ें- टैरिफ वॉर से मंडराया मंदी का खतरा, अमेरिका में महंगाई की मार; चीन पर क्‍या होगा असर?

    चीन में भी आई कीमतों में गिरावट

    विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इसे 'दो दृष्टिकोणों की टक्कर' करार दिया। हालांकि आर्थिक, राजनीतिक और भू राजनीतिक व्यवस्था में विघटन चीन पर भी लागू होते हैं क्योंकि चीन के अंदर भी अर्थव्यवस्था में मुद्रा संकुचन (कीमतों में गिरावट) की प्रवृत्ति दिख रही है, राजनीतिक और भू-राजनीतिक दबाव है।

    यह भी पढ़ें- टैरिफ पर ट्रंप ने लिया यू-टर्न; चीन बोला- बाघ के गर्दन में लगी घंटी... वही खोल सकता, जिसने बांधा है

    चीन वैश्विक स्तर पर और अपने पड़ोसी देशों के साथ 'साझा भविष्य वाला समुदाय' बनाने की बात कर रहा है, लेकिन सवाल यह है कि क्या वह भारत और जापान जैसे देशों को एशिया के बहुध्रुवीय भविष्य में समाहित करेगा? अगर चीन ऐसा करता है तो वह अमेरिकी टैरिफ के असर से खुद को बचा सकता है।

    यह भी पढ़ें- Trump ने फिर मारा यू-टर्न; स्मार्टफोन, कंप्यूटर पर अलग से टैरिफ लगाने की तैयारी में ट्रंप प्रशासन

    (Source: जेएनयू के चीन एवं दक्षिण एशियाई केंद्र के प्रोफेसर बीआर दीपक से बातचीत)