'दादागिरी से नहीं चलेगा काम...', चिनफिंग ने ट्रंप को दिया सख्त संदेश; SCO विकास बैंक बनाने की कर दी अपील
एससीओ शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका पर निशाना साधते हुए धौंस जमाने वाले व्यवहार की आलोचना की। उन्होंने सदस्य देशों से शीत युद्ध की मानसिकता और दादागिरी का विरोध करने का आह्वान किया। चिनफिंग ने संयुक्त राष्ट्र-केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की सुरक्षा करने और विश्व व्यापार संगठन को केंद्र में रखते हुए बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का समर्थन करने की बात कही।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एससीओ शिखर सम्मेलन के मंच से चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए धौंस जमाने वाले व्यवहार की कड़ी आलोचना की।
साथ ही उन्होंने सदस्य देशों से शीत युद्ध की मानसिकता, टकराव और दादागिरी का विरोध करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि सदस्य देशों के सामने सुरक्षा और विकास की चुनौतियां और भी मुश्किल हो गई हैं। कुछ देशों द्वारा अपनाया गया धमकाने वाला रवैया मौजूदा वैश्विक संकटों को और गहरा कर रहा है।
चिनफिंग ने क्या कहा?
चिनफिंग ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को अशांत और उलझी हुई करार देते हुए कहा कि दुनिया में जिस तरह से उथल-पुथल चल रही है, उसमें हमें शंघाई की भावना अपनाते हुए संगठन की भूमिका को बेहतर बनाना होगा। चिनफिंग ने राष्ट्रपति शी ने संयुक्त राष्ट्र-केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की सुरक्षा करने तथा विश्व व्यापार संगठन को केंद्र में रखते हुए बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का समर्थन करने का भी आह्वान किया।
सदस्य देश आपसी लाभ के लिए करें काम
चीनी राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि सदस्य देश आपसी लाभ के लिए काम करें। उन्होंने सदस्य देशों से आपसी मतभेदों को दूर रखने की भी अपील की और कहा कि मतभेदों का सम्मान करते हुए रणनीतिक संवाद बनाए रखें और आम सहमति से एकजुटता और सहयोग को मजबूत करें।
एससीओ विकास बैंक बनाने की अपील
चिनफिंग ने एससीओ सदस्य देशों से अपील की कि बढ़ती मांग के बीच एससीओ विकास बैंक के गठन पर काम तेज करने की जरूरत है। बता दें कि ब्रिक्स के न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) और एशियन इनवेस्टमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर बैंक (एआइआइबी) की तर्ज पर चीन एससीओ विकास बैंक के गठन पर जोर देता रहा है। शी ने कहा कि एससीओ का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव बढ़ रहा है। (समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)
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