मोदी-पुतिन-चिनफिंग की केमिस्ट्री से बिलबिलाए ट्रंप के करीबी, कांग्रेस नेता ने किया नवारो का समर्थन
अमेरिकी राष्ट्रपति के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो के भारत पर अमर्यादित बयान से खलबली मची है। उन्होंने रूस से तेल आयात को लेकर भारत पर निशाना साधा और जातिगत टिप्पणी की जिससे विवाद उत्पन्न हो गया है। नवारो ने मोदी-पुतिन-चिनफिंग की मुलाकातों पर भी सवाल उठाए हैं। उनके बयानों को भारत में सामाजिक संरचना में हस्तक्षेप और जातिगत तनाव भड़काने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एससीओ की सफलता और मोदी-पुतिन-चिनफिंग की केमिस्ट्री से अमेरिका किस कदर परेशान है इसकी एक झलक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो के अमर्यादित बयानों में दिखती है।
उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में रूस से भारत के तेल आयात को पर निशाना साधते हुए कहा - भारतीयों की कीमत पर ब्राह्मण मुनाफा कमा रहे हैं। हालांकि यह भी रोचक है कि भारत के पांच शीर्ष उद्योगपतियों में कोई भी ब्राह्मण नहीं है। पर नवारो ने यह जहर फैलाया और भारत में अलग अलग तरह से राजनीति भी शुरू हो गई।
कांग्रेस नेता ने किया नवारो के बयान का समर्थन
कांग्रेस के नेता ने नवारो का समर्थन कर दिया, हालांकि यह देखना रोचक होगा कि कांग्रेस क्या करेगी। वैसे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस बयान की आलोचना तो की लेकिन जिस तरह इसे सोशल मीडिया पर डाला उसका संदेश कुछ और भी हो सकता है।
नवारो ने दिया भड़काऊ बयान
ट्रंप के नजदीकी नवारो पिछले एक पखवाड़े से कभी अपने आलेखों के जरिए तो कभी न्यूज चैनलों में बयान दे कर भारत-अमेरिकी संबंधों पर प्रहार कर रहे हैं। नवारो के ताजा बयान की भारत में काफी आलोचना हो रही है और इसे भारतीय समाज की सामाजिक संरचना में हस्तक्षेप और जातिगत तनाव भड़काने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। हाल के वर्षों में किसी विदेशी अधिकारी की तरफ से भारत में जातिगत व्यवस्था को सरकार की नीतियों से जोड़ करने देखने की संभवत: पहली घटना है।
ब्राह्मण, भारतीय जनता की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे- नवारो
नवारो ने फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “मैं भारतीय लोगों से बस इतना कहना चाहूंगा कि वे समझें कि यहां क्या हो रहा है। आपके पास ब्राह्मण हैं जो भारतीय जनता की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। हमें इसे रोकना होगा।''
पिछले दो हफ्तों में भारत के रूस से सस्ते तेल की खरीदने की नीति को नवारो “यूक्रेन युद्ध को वित्तीय सहायता'' देने वाला और भारत की व्यापार नीतियों को “टैरिफ का महाराजा'' कहकर तंज कस चुके हैं।
मोदी-पुतिन-चिनफिंग का मुलाकात पर नवारो ने उठाए सवाल
नवारो ने यह भी सवाल उठाया कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के बावजूद भारत रूस और चीन जैसे देशों के साथ नजदीकी क्यों बढ़ा रहा है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें की हैं। नवारो ने इन मुलाकातों पर पर नाराजगी जताई है।
भारत ने आधिकारिक तौर पर पहले ही उनके बयानों को नजरअंदाज किया है और आज भी। लेकिन सोशल मीडिया पर नवारो की टिप्पणी को लेकर अपमानजनक और अनुचित माना गया है। कुछ लोगों ने इसे भारत की आंतरिक राजनीति में दखल देने और जातिगत विभाजन को भड़काने की कोशिश करार दिया।
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