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    दो महाशक्तिशाली देश एक साथ... ट्रेड से इंटरनेशनल रिलेशन तक, भारत-चीन की दोस्ती पर दुनिया की नजर

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 04:52 PM (IST)

    एससीओ शिखर सम्मेलन चीन के तियानजिन में संपन्न हुआ। पीएम मोदी और शी चिनफिंग और पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकातें महत्त्वपूर्ण रहीं। चीनी राजदूत ने कहा कि एससीओ एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरा है। शिखर सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में सहयोग पर जोर दिया गया। सदस्य देशों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास और उपयोग में सहयोग करने की तत्परता व्यक्त की।

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    भारत-चीन की दोस्ती पर दुनिया की नजर (पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन के तिनजियान में दो दिवसीय SCO शिखर सम्मेलन समाप्त हो चुका है। भारत, चीन, रूस सहित एससीओ समूह में 10 सदस्य देश, दो पर्यवेक्षक देश और 14 संवाद साझेदारों ने हिस्सा लिया। एससीओ समिट में दो मुलाकातें ऐसी रहीं जिन पर दुनिया की निगाहें टिकी हुई थीं, जिनमें पहली, पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और दूसरी पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की। दोनों ही मुलाकातें सफल रहीं।

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    एससीओ शिखर सम्मेलन को लेकर भारत में चीनी राजदूत, शू फेइहोंग ने सोमवार को कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन ने आम सहमति बनाने और विकास की रूपरेखा तैयार करने में मदद की है।

    SCO एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरा

    उन्होंने कहा, राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस बात पर जोर दिया कि एससीओ एक नए प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देने और मानवता के साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरा है। इस शिखर सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण मिशन है: सभी पक्षों के बीच आम सहमति बनाना, सहयोग को गति देना और विकास की रूपरेखा तैयार करना। विश्वास है कि सभी पक्षों के सामूहिक प्रयासों से यह शिखर सम्मेलन पूरी तरह सफल होगा और एससीओ इसमें और भी बड़ी भूमिका निभाएगा।

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में सहयोग पर जोर

    भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)के क्षेत्र में सहयोग को गहरा किया और समाजों और अर्थव्यवस्थाओं को बदलने में इस उभरती हुई तकनीक के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डाला।

    एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद के तियानजिन घोषणापत्र पर 2025 शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में हस्ताक्षर किए गए और उसे अपनाया गया, जिसमें अन्य क्षेत्रों के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सदस्य देशों की प्रतिबद्धताओं को रेखांकित किया गया है। एससीओ समूह में 10 सदस्य देश, दो पर्यवेक्षक देश और 14 संवाद साझेदार हैं।

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षमता निर्माण के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर आधारित तियानजिन घोषणा ने इस बात पर जोर दिया कि "सभी देशों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विकसित करने और उसका उपयोग करने का समान अधिकार है।"

    AI के विकास पर जोर

    एससीओ सदस्य देशों, जिसमें भारत भी शामिल है, सभी मानवता के लाभ के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकियों की सुरक्षा, जवाबदेही, विश्वसनीयता, पारदर्शिता, समावेशिता, भरोसेमंदता और निष्पक्षता में निरंतर सुधार करने के लिए जोखिमों को रोकने के लिए मिलकर काम करने की अपनी तत्परता व्यक्त की। इस संबंध में, उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विकास पर एससीओ सदस्य राज्यों के सहयोग कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए रोडमैप के कार्यान्वयन की वकालत की।

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएं- चिनफिंग

    चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने तियानजिंग शिखर सम्मेलन में अपने मुख्य भाषण में भी प्रस्ताव रखा था कि एससीओ सदस्य देश ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, डिजिटल इकनॉमी, विज्ञान एवं तकनीकी नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएं।

    (समाचार एजेंसी एएनआइ की इनपुट के साथ)

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