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China Zero Covid Policy: प्रवासी मजदूरों पर पड़ी जीरो कोविड पॉलिसी की मार! नहीं मिल रही नौकरियां

कोरोना की वजह से इस साल काफी परिवर्तन दिख रहा है। प्रवासी श्रमिक उम्मीद से पहले नौकरी की तलाश में लौट आए और उन्हें अभी तक रोजगार का एक स्थायी साधन नहीं मिल पाया है। वॉयस अगेंस्ट ऑटोक्रेसी की रिपोर्ट ने यह जानकारी दी।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaPublished: Mon, 06 Feb 2023 02:34 AM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2023 05:22 AM (IST)
China Zero Covid Policy: प्रवासी मजदूरों पर पड़ी जीरो कोविड पॉलिसी की मार! नहीं मिल रही नौकरियां
China Zero Covid Policy: प्रवासी मजदूरों पर पड़ी जीरो कोविड पॉलिसी की मार!

बीजिंग, एएनआई। चीन की जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) का प्रवासी श्रमिकों पर सबसे ज्यादा असर दिखाई दिया। वॉयस अगेंस्ट ऑटोक्रेसी की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी को इस उम्मीद में हटाया कि इससे उनके नागरिकों को राहत मिलेगी, लेकिन यह फैसला प्रवासी श्रमिकों के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ।

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नौकरी की तलाश में जुटे श्रमिक

रिपोर्ट के मुताबिक, जीरो कोविड पॉलिसी से प्रभावित होने के बाद प्रवासी श्रमिक नई नौकरियों की तलाश में जुटे हुए हैं। इस पॉलिसी ने चीन की अर्थव्यवस्था में बाधा डालने का काम किया है। जिसकी वजह से देहाड़ी मजबूर प्रभावित हुए।

रिपोर्ट के मुताबिक, फेस्टिवल के दौरान श्रमिकों को अक्सर घरों की ओर लौटते देखा गया है। जिसकी वजह से कारखानों में श्रमिकों की कमी हो जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ और वो जल्द ही नौकरी की तलाश में जुट गए।

रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की वजह से इस साल काफी परिवर्तन दिख रहा है। प्रवासी श्रमिक उम्मीद से पहले नौकरी की तलाश में लौट आए और उन्हें अभी तक रोजगार का एक स्थायी साधन नहीं मिल पाया है। पिछले साल फॉक्सकॉन आपदा के बाद श्रमिकों के साथ अनुचित व्यवहार किया गया। उन्हें वेतन और बोनस के लिए परेशान किया गया। जिसकी वजह से बिना वेतन के श्रमिकों को काम करना पड़ा।

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मैन्युफैक्चरिंग हब का छिन सकता है खिताब

रिपोर्ट के मुताबिक, शेनझेन, कियानन और ग्वांगझू सहित चीन के लगभग सभी क्षेत्रों में एक जैसी स्थिति बनी हुई है। अगर लंबे समय तक यही चलता रहा तो बात बिगड़ सकती है और चीन से 'दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब' कहलाने का खिताब छिन सकता है। साथ ही अमेरिका और यूरोप की बड़ी कंपनियां चीन को अलविदा कहते हुए वियतनाम और भारत जैसे विकल्पों का चयन कर सकती हैं।

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इसी बीच ग्लोबल स्ट्रैट व्यू की रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2022 में चीन की जीडीपी में महज 3 फीसदी की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जीरो कोविड पॉलिसी को कुछ हफ्तों पहले अचानक से रद्द कर दिया गया था। जिसकी वजह से समाज में भ्रम की स्थिति पैदा हुई और कोरोना के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई थी।

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