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चीन ने शंघाई के पूर्व बुकसेलर की पत्नी पर लगाया 'एक्जिट बैन', आलोचकों ने बंधक बनाने से की तुलना

China News चीन में राजनीतिक कारणों से एक शख्स के स्टोर को 2018 में बंद कर दिया गया था। इसके बाद वो चीन छोड़कर अमेरिका चला गया था। मियाओ यू ने कहा कि उसकी पत्नी फैंग शी को शंघाई में एक विमान में चढ़ने से रोक दिया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkPublished: Tue, 31 Jan 2023 03:05 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jan 2023 03:05 PM (IST)
चीन ने शंघाई के पूर्व बुकसेलर की पत्नी पर लगाया 'एक्जिट बैन', आलोचकों ने बंधक बनाने से की तुलना
Shanghai booksellers wife hit with exit ban

हांगकांग, एजेंसी। China Exit Ban: चीनी पुलिस ने एक महिला को फ्लोरिडा में अपने घर लौटने से रोकने के लिए उस पर एक्जिट बैन लगा दिया है। इसके जरिए महिला के पति को चीन में लौटने के लिए मजबूर करने की कोशिश की जा रही है। महिला ने इस बारे में एक पत्र लिखा है, जिसे उसके पति ने सार्वजनिक कर दिया है। ये मामला चीनी अधिकारियों द्वारा किसी व्यक्ति को वापस बुलाने के लिए उसके रिश्तेदारों पर दबाव डालने के लिए एक्जिट बैन लगाने का ताजा उदाहरण है। अधिकारियों से की गई एक अपील में 51 साल की फैंग शी ने लिखा कि पुलिस ने उसे बताया है कि वो निर्दोष है। मगर, वो तब तक नहीं जा सकती जब तक कि उसका पति वापस नहीं आ जाता।

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राजनीतिक कारणों से बंद कर दिया गया स्टोर

महिला का पति मियाओ यू बुकसेलर था। राजनीतिक कारणों से उसके स्टोर को 2018 में बंद कर दिया गया था। इसके बाद वो पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स करने के लिए 2019 में चीन छोड़कर अमेरिका चला गया था। मियाओ यू ने कहा कि फैंग शी को पिछले अगस्त शंघाई में एक विमान में चढ़ने से रोक दिया गया था। इसके बाद से वो चीन से बाहर नहीं निकल पा रही है।

एक्जिट बैन की तुलना बंधक बनाने से कर रहे आलोचक

एक्जिट बैन यानी बाहर निकलने पर प्रतिबंध की आलोचकों ने तुलना बंधक बनाने से की है। इसने चीनी नागरिकों और विदेशियों दोनों को प्रभावित किया है। अमेरिकी सरकार ने चीन जाने वाले लोगों के लिए अपनी यात्रा सलाह में एक जोखिम के रूप में एक्जिट बैन को शामिल किया है।

विदेश मंत्रालय जानकारी से किया इनकार

मियाओ यू ने सुरक्षा के बारे में चिंताओं का हवाला देते हुए अपनी पत्नी की संपर्क जानकारी देने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने एक एसोसिएटेड प्रेस पत्रकार को उनके बीच एक कॉल में शामिल होने की व्यवस्था की, जिसमें महिला ने पुष्टि की थी कि उसने पत्र लिखा था, लेकिन आगे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। शंघाई पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो ने सोमवार को फैक्स किए गए सवालों का तुरंत जवाब नहीं दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है।

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