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    वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम बढ़ा, 2023 में चीन की विकास दर 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान: आइएमएफ

    By AgencyEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Sun, 26 Mar 2023 11:23 PM (IST)

    चीन की अर्थव्यवस्था ने मजबूत वापसी की है और 2023 में चीन की विकास दर 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे विश्व अर्थव्यवस्था के लिए भी थोड़ी उम्मीद जगी है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक ने सतर्कता जारी रखने को भी कहा है।

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    2023 में चीन की विकास दर 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया

    बीजिंग, रायटर। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जार्जिवा ने रविवार को कहा कि हालिया घटनाक्रमों से वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम बढ़ा है। जार्जिवा ने विकसित देशों की ओर से बाजार से जुड़े तनाव को शांत करने के बावजूद सतर्कता जारी रखने की बात कही है। चीन डेवलपमेंट फोरम में बोलते हुए जार्जिवा ने कहा कि 2023 एक और चुनौतीपूर्ण वर्ष रहेगा।

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    चीन की विकास दर 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान

    कोरोना की मार, यूक्रेन में युद्ध और मौद्रिक नीति में सख्ती के कारण इस वर्ष वैश्विक वृद्धि दर तीन प्रतिशत से नीचे रह सकती है। हालांकि, बेहतर परिदृश्य के बावजूद 2024 में वैश्विक वृद्धि दर एतिहासिक औसत 3.8 प्रतिशत से नीचे रहेगी। आइएमएफ ने इस वर्ष वैश्विक वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है और अगले महीने नया अनुमान जारी होने की संभावना है।

    उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था ने मजबूत वापसी की है और 2023 में चीन की विकास दर 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे विश्व अर्थव्यवस्था के लिए भी थोड़ी उम्मीद जगी है। आइएमएफ के हवाले से जार्जिवा ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था में एक प्रतिशत की तेजी से एशिया की दूसरी अर्थव्यवस्था में 0.3 प्रतिशत की तेजी आती है।

    बैंकिंग संकट से मंदी के और करीब पहुंचा अमेरिका

    मिनीपोलिस फेड के प्रेसिडेंट नील काशकारी ने रविवार को कहा कि बैंकिंग क्षेत्र के हालिया संकट और संभावित क्रेडिट कमी के चलते अमेरिका मंदी के और करीब पहुंच गया है। अमेरिकी टीवी चैनल सीबीएस के एक शो में बोलते हुए काशकारी ने कहा कि यह अस्पष्ट है कि व्यापक क्रेडिट संकट कितने बैंकों के लिए तनाव का कारण बन रहा है और यह अर्थव्यवस्था को धीमा कर देगा। काशकारी फेड के उन सदस्यों में शामिल रहे हैं, जिन्होंने महंगाई पर अंकुश पाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की वकालत की थी।