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    चीन से आई राहत भरी खबर, घट रहे HMPV के मामले; हेल्थ ऑफिसर बोले- बच्चों को बचा कर रखें

    Updated: Sun, 12 Jan 2025 06:07 PM (IST)

    चीन से निकला HMPV संक्रमण अब दुनिया के तमाम देशों में पांव पसार रहा है। भारत में भी इस वायरस के कई मामले मिले हैं। इस बीच चीन ने दावा किया है कि उत्तरी चीन में फ्लू जैसे मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के संक्रमण की दर घट रही है। HMPV संक्रमण से बचाव का कोई टिका अभी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इससे के लिए सावधानी बरतना चाहिए।

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    उत्तरी चीन में एचएमपीवी संक्रमण की दर घट रही है। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    एपी, बीजिंग। चीन से फैले मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के संक्रमण ने दुनिया के कई देशों में दस्तक दे दी है। भारत में भी इस संक्रमण के तमाम मामले सामने आए हैं। इस बीच चीन ने बड़ा दावा किया है। चीन के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि उत्तरी चीन में फ्लू जैसे मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के संक्रमण की दर घट रही है।

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    दरअसल, संभावित महामारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता है। मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का संक्रमण भी रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस के समान है। इसके जद में आने से बुखार, खांसी और नाक बंद होने सहित फ्लू या सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। इसका प्रभाव बच्चों पर देखने को मिलता है। ये संक्रमण बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित करता है।

    चीन ने क्या कहा?

    चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग की एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान चीनी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के शोधकर्ता वांग लिपिंग ने कहा, "मानव मेटान्यूमोवायरस कोई नया वायरस नहीं है और यह कम से कम कई दशकों से मनुष्यों के साथ है।" वांग ने कहा कि हाल के वर्षों में वायरस के मामलों की संख्या में वृद्धि, जो पहली बार 2001 में नीदरलैंड में पता चली थी, बेहतर पहचान विधियों के कारण है।

    इसके अलावा उन्होंने कहा कि वर्तमान में, मानव मेटान्यूमोवायरस का पता लगाने में सकारात्मक मामलों की दर में उतार-चढ़ाव हो रहा है और उत्तरी प्रांतों में पॉजिटिव मामलों की दर घट रही है और 14 वर्ष और उससे कम आयु के रोगियों में सकारात्मक मामलों की दर में गिरावट शुरू हो गई है

    चीन में तेजी से बढ़े संक्रमण के मामले

    जानकारी दें कि पिछले दिनों उत्तरी चीन में एचएमपीवी संक्रमण में वृद्धि को लेकर तमाम चिंताएं जाहिर की गईं। कुछ फोटो भी इंटरनेट पर वायरल हुए, जिसमें देखा जा सकता था कि कैसे अस्पताल में लोगों ने मास्क पहन रखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि उसे चीन या अन्य जगहों पर असामान्य प्रकोप की रिपोर्ट नहीं मिली है।

    उधर, जानकारों ने कहा कि एचएमपीवी कोविड-19 से अलग है क्योंकि यह दशकों से मौजूद है और इसके लिए कुछ अंतर्निहित प्रतिरक्षा है। अधिकांश बच्चे 5 वर्ष की आयु तक वायरस से संक्रमित हो जाते हैं।

    चीन में पहले भी फैला है संक्रमण

    बता दें कि चीन के स्वास्थ्य आयोग के चिकित्सा आपातकालीन प्रतिक्रिया विभाग के उप निदेशक गाओ शिनकियांग ने एक बयान में कहा कि देश भर में बुखार क्लीनिकों और आपातकालीन विभागों में रोगियों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि, पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में अभी आम तौर पर कम है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संसाधनों की कोई स्पष्ट कमी नहीं है।

    वहीं, आयोग के प्रवक्ता हू कियांगकियांग ने कहा कि जनवरी के मध्य से अंत तक देश भर में फ्लू के संक्रमण में धीरे-धीरे कमी आने की उम्मीद है। बता दें कि एचएमपीवी के लिए कोई टीका या दवा उपलब्ध नहीं है। वैज्ञानिकों ने इस वायरस से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है।

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