भारत-चीन की दोस्ती क्यों है जरूरी? चीनी पत्रकार ने बताया दोनों देशों के बीच कैसे खत्म होगी कड़वाहट
चीन की मीडिया में भारत के प्रति रुचि बढ़ रही है। कुछ पत्रकार भारत के साथ बेहतर संबंधों की वकालत करते हैं। झांग जिआओ जिन्होंने अंजलि नाम अपनाया है हिंदी में बात करती हैं। उन्होंने एससीओ शिखर सम्मेलन में मोदी और चिनफिंग के बीच संबंधों पर सकारात्मक राय व्यक्त की। अंजलि का मानना है कि भारत और चीन के मिलकर आगे बढ़ने से पूरी दुनिया को फायदा होगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन की मीडिया के एक वर्ग में भारत को लेकर काफी कौतुहल देखा जाता है। ये वर्ग भारत के साथ चीन के बेहतर रिश्तों की बात करता है। इस वर्ग के पत्रकार भारत से इस कदर प्रभावित हैं कि उन्होंने न केवल अपना दूसरा नाम भारतीय रखा है, बल्कि उनके अंदर हिंदी सीखने की ललक भी देखी जाती है। ऐसी ही एक चीनी पत्रकार हैं झांग जिआओ, जिन्होंने अपना नाम अंजलि रखा है और वे धाराप्रवाह हिंदी बोलती हैं।
एससीओ शिखर सम्मेलन के जरिये पीएम नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच पारस्परिक संबंधों पर उन्होंने खुलकर अपनी राय रखी। उनका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर बहुप्रसारित हो गया है।
दोनों देशों को मिलकर आगे बढ़ना पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद- अंजलि
एक साक्षात्कार में हिंदी में पत्रकार अंजलि ने कहा कि उन्होंने कहा कि दोनों देशों को मिलकर आगे बढ़ना पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद है। हम पड़ोसी हैं और विश्व के अग्रणी विकासशील देश हैं। हम सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी हैं। हमारा व्यापार सहयोग व्यापक है।
एससीओ ने भारत-चीन को संबंध मजबूत करने का बढि़या प्लेटफार्म- अंजलि
इसलिए, हमारे सामने अपार अवसर है। हमारे बीच तनाव को जगह नहीं मिलनी चाहिए। मेरा मानना है कि चीन की उच्च तकनीक से पूरी दुनिया वाकिफ है। तो हम इस पर सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एससीओ ने भारत-चीन को संबंध मजबूत करने का बढि़या प्लेटफार्म दिया है। तियानजिन महत्वपूर्ण शहर है।
(समाचार एजेंसी एएनआइ के इनपुट के साथ)
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