आपदा में अवसर! अमेरिकी एच-1बी का विकल्प बनने को तैयार चीन, करने जा रहा नई वीजा नीति लागू
चीन अमेरिका में एच-1बी वीजा फीस बढ़ने के बाद विदेशी तकनीकी प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए नई के वीजा नीति ला रहा है। इस नीति के तहत विज्ञान तकनीक इंजीनियरिंग और गणित के युवा ग्रेजुएट्स को लक्षित किया जाएगा। चीन विदेशी निवेश और यात्रा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रहा है जिससे आर्थिक विकास को गति मिल सके।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में एच-1बी वीजा की फीस एक लाख डॉलर किए जाने को अपने लिए आपदा में अवसर मानते हुए चीन ने बेहतर विकल्प तलाश रहे विदेशी तकनीकी प्रतिभाशालियों को आकर्षित करने के लिए नई के वीजा नीति लागू करने जा रहा है।
हालांकि, चीन के पास स्थानीय स्तर पर कुशल इंजीनियरों की कमी नहीं है, लेकिन चीन ने दुनिया के सामने अपना उदार चेहरा पेश करने के लिए वह ऐसा कर रहा है। चीन को उम्मीद है कि अमेरिकी टैरिफ की वजह से व्यापार तनाव के चलते देश के आर्थिक परिदृश्य को बदलने के लिए विदेशी निवेश और प्रतिभा का फायदा उठाने में मदद मिलेगी।
चीन ने लिए कई फैसले
चीन ने यूरोपीय देशों, जापान और दक्षिण कोरिया समेत तमाम देशों से विदेशी निवेश और यात्रा को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिए हैं। ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों को विदेशी निवेशकों के लिए खोला जा रहा है और नागरिकों को वीजा छूट के प्रस्ताव दिए जा रहे हैं।
आयोवा के इमिग्रेशन अटार्नी मैट मौंटेल-मेडिसी ने कहा कि चीन की प्रतीकात्मकता ताकतवर है। अमेरिका बाधाएं बढ़ा रहा है, जबकि चीन उन्हें कम कर रहा है। के वीजा के तहत विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) क्षेत्र के युवा ग्रेजुएट्स को लक्षित किया जाएगा। उन्हें प्रवेश की अनुमति के साथ आवास और बगैर नौकरी के प्रस्ताव के रोजगार का वादा किया जाएगा। इससे विदेशी कामगार चीन को अमेरिका के विकल्प के तौर पर देखेंगे।
चीनी वीजा में कमियां बेशुमार
- चीनी के वीजा की विशेषता है कि इसके लिए नियोक्ता के प्रायोजन की जरूरत नहीं है। लेकिन इसमें कई तरह की चिंताएं भी हैं।
- के वीजा के लिए चीन सरकार की गाइडलाइन में उम्र, शैक्षिक पृष्ठभूमि और कार्य अनुभवों को लेकर अस्पष्टता है।
- साथ ही इसमें वित्तीय भत्तों, रोजगार सुविधा, स्थायी रेजिडेंसी या पारिवारिक स्पांसरशिप को लेकर भी कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।
- अमेरिका की तरह के वीजा धारकों को कुछ दुर्लभ मामलों को छोड़कर स्थायी नागरिकता भी नहीं मिलेगी।
- भाषा भी के वीजा की सफलता में बड़ी बाधा है क्योंकि चीन में ज्यादातर काम मैंडरिन भाषा में होता है।
- भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण रिश्तों की वजह से भी भारतीय मेधावी हतोत्साहित होंगे।
- हालांकि, चीन ने प्रवासियों को घर खरीदने पर सब्सिडी और 50 लाख युआन (लगभग सात लाख डॉलर) तक के साइनिंग बोनस का प्रस्ताव देकर अमेरिका से काफी प्रतिभाओं को खींचा है।
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