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    'चीन का खेल है एलिट-कैप्चर', तिब्बती नेता का बड़ा दावा, भारत को किया सावधान

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 07:02 PM (IST)

    तिब्बत की निर्वासित सरकार के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. लोसांग सांगे ने दावा किया कि चीन की दूतावास नई दिल्ली में भारतीय नेताओं और प्रभावशाली लोगों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है यहाँ तक कि सत्ता बदलने की योजना भी बना रहा है। उन्होंने भारत को चीन के एलीट को-ऑप्शन रणनीति से सतर्क रहने को कहा है।

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    नई दिल्ली में चीनी दूतावास की साजिश पूर्व तिब्बती राष्ट्रपति का दावा (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तिब्बत की निर्वासित सरकार के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. लोसांग सांगे ने एक बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि नई दिल्ली में चीनी दूतावास भारतीय नेताओं और प्रभावशाली लोगों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है, यहां तक कि सत्ता बदलवाने की भी योजना बनाई जा रही है।

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    एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "एलीट को-ऑप्शन (प्रभावशाली लोगों को अपने साथ करना) चीन की पुरानी रणनीति है। वे नेताओं, बुद्धिजीवियों, कारोबारियों, पत्रकारों और अब तो यूट्यूबर तक को खरीदने की कोशिश करते हैं। यही तरीका उन्होंने तिब्बत, शिनजियांग और मंगोलिया में अपनाया था और अब भारत में भी वही दोहरा रहे हैं।"

    सांगे ने भारत को चेताया

    सांगे ने कहा कि भारत भी इस खतरे से अछूता नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में चीनी दूतावास के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल लोगों की सूची देखें, वहां नेताओं और कारोबारियों की तस्वीर मिल जाएंगी।

    डॉ. सांगे ने कहा कि नेपाल में एक पार्टी चीन समर्थक है और दूसरी भारत समर्थक। इसी तरह श्रीलंका, बांग्लादेश और मालदीव में भी चीन ने सत्ता के करीबी लोगों से रिश्ते बना लिए हैं। पाकिस्तान का हाल तो ऐसा है कि वहां की सभी बड़ी पार्टियां चीन के पक्ष में खड़ी रहती हैं। इसे ही 'एलीट कैप्चर' कहा जाता है।

    चीन के खेल का किया पर्दाफाश

    उन्होंने बताया कि यह खेल केवल एशिया तक सीमित नहीं है। यूरोप के कई मंत्री पहले चीन की तारीफ करते थे और बाद में उन्हें चीनी कंपनियों में डायरेक्टर की नौकरी मिल गई। उनकी सालाना तनख्वाह लाखों डॉलर तक पहुंच गई।

    डॉ. सांगे का कहना है कि भारत के नेताओं, कारोबारियों और पत्रकारों को खास सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि चीन को फर्क नहीं पड़ता कि कौन सत्ता में है, बस उसे अपने फायदे के लिए लोगों को साथ करना है।

    सांगे ने कहा कि चीन का मकसद भारत को घेरना और दक्षिण एशिया में दबदबा बनाना है। यही वजह है कि वह मालदीव, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश को समर्थन देता है और संयुक्त राष्ट्र (UN) में उन आतंकी गुटों पर रोक लगाता है दो भारत पर हमला करते हैं।

    भारत-चीन व्यापार घाटे को बताया खतरनाक

    उन्होंने भारत-चीन व्यापार घाटे को भी खतरनाक बताया। भारत चीन से 113 अरब डॉलर का सामान खरीदता है लेकिन बेच पाता है केवल 14 अरब डॉलर का। इसका मतलब है कि भारत में फैक्ट्रियां कम चलती हैं, नौकरियां घटती हैं और चीन फायदा उठाता है।

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