चीन ने रूसी तेल आयात पर टैरिफ लगाने के अमेरिकी प्रस्ताव को किया खारिज, कहा- प्रतिबंधों से जटिल होते हैं मुद्दे
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने के अमेरिकी आह्वान को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि युद्ध से समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता प्रतिबंध केवल उन्हें जटिल बनाते हैं। वांग यी ने यह बात अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट को जवाब देते हुए कही।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने के लिए जी 7 देशों से अमेरिका के आह्वान को खारिज कर दिया है और कहा है कि युद्ध से समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। उनका कहना है, "प्रतिबंध केवल उन्हें जटिल बनाते हैं।"
वांग यी ने यह बात अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट को जवाब देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि जी-7 मंत्रियों से यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए रूस से तेल आयात करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही। वांग यी ने कहा, "चीन युद्धों में भाग नहीं लेता या युद्ध की योजना नहीं बनाता, बल्कि चीन शांति वार्ता को प्रोत्साहित करता है और बातचीत के जरिए महत्वपूर्ण मुद्दों के राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देता है।"
चीन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर क्या कहा?
आधिकारिक मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वांग ने शनिवार को अपने स्लोवेनियाई समकक्ष तान्जा फाजोन के साथ वार्ता के दौरान कहा, "चीन एक जिम्मेदार प्रमुख देश है और शांति एवं सुरक्षा के मुद्दों पर इसका रिकॉर्ड सबसे अच्छा है।"
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वांग ने कहा, ‘‘युद्ध से समस्याएं हल नहीं हो सकतीं और प्रतिबंध उन्हें और जटिल बना देंगे।’’ उन्होंने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय विवादों को बातचीत और परामर्श के जरिए सुलझाने पर जोर देता है।
अमेरिका की ओर से क्या कहा गया?
अमेरिकी वित्त विभाग के एक बयान में शनिवार को कहा गया कि वित्त मंत्री बेसेंट ने जी-7 वित्त मंत्रियों के साथ बातचीत के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से जी-7 देशों से किए गए आह्वान को दोहराया कि यदि वे वास्तव में यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं तो उन्हें रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने में अमेरिका के साथ शामिल होना चाहिए।
बेसेंट के बयान में किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन अमेरिका अक्सर भारत और चीन पर रूसी तेल खरीदने का आरोप लगाता रहा है, जबकि बीजिंग पर इसके लिए कोई शुल्क नहीं है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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