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    चीन ने ड्रोन क्षमता से लैस नया युद्धपोत किया लॉन्च, मानवरहित युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने में जुटा ड्रैगन

    Updated: Tue, 14 Jan 2025 02:03 AM (IST)

    चीन अपनी तीनों सेनाओं के तेजी के साथ आधुनिक बनाने में जुटा है। अब चीनी नौसेना ने एक युद्धपोत लॉन्च किया है। खास बात यह है कि ये युद्धपोत ड्रोन वाहक के तौर पर काम करेगा। पिछले कुछ संघर्षों में ड्रोनों ने युद्ध का रुख पलटने में अहम भूमिका निभाई है। यही वजह है कि अब चीन ड्रोन सेना तैयार कर रहा है।

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    मानवरहित युद्ध कौशल को मजबूत करने में जुटा चीन। ( सांकेतिक फोटो )

    एजेंसी, बीजिंग/यरुशलम। चीनी नौसेना ने युद्धपोत लॉन्च किया है, जो ड्रोन वाहक के तौर पर कार्य करेगा। नौसेना के एक कमांडर ने ड्रोन वाहक के रूप में युद्धपोत की व्यापक भूमिका को आधिकारिक रूप से पहली बार स्वीकारा है। इसमें कहा गया है कि टाइप 076 युद्धपोत मानवरहित युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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    पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के नौसैनिक कमांडर ची जियानजुन ने कहा कि सैन्य प्रशिक्षण में यूएवी सिस्टम को एकीकृत करने के प्रयास पहले से पूरे बेड़े में चल रहा है। उन्होंने युद्ध के मैदान में ड्रोन और हमलावर रोबोटों की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया।

    ची ने कहा कि यह सिर्फ हमारे विध्वंसक जहाजों की बात नहीं है। विमान वाहक, टाइप 076, टाइप 075 और अन्य जहाज सभी इसमें शामिल हैं और होंगे।

    चीन के पास दो विमान वाहक पोत

    आधुनिक युद्ध में चालक रहित ऑपरेशन एक निर्विवाद प्रवृत्ति है। चीन के पास वर्तमान में दो विमान वाहक पोत हैं। पहला लियाओ निंग जो 2012 में कमीशन किए गए सोवियत युग के जहाज का नया रूप है। वहीं, स्वदेश निर्मित दूसरा विमानवाहक पोत शेडोंग को 2019 में कमीशन किया गया था। चीन का तीसरा विमान वाहक फुजियान वर्तमान में परीक्षण के दौर से गुजर रहा है।

    इजरायली शोधकर्ताओं ने बनाया समुद्री रोबोट

    इजरायली के शोधकर्ताओं ने मछलियों की स्वचालित और सटीक निगरानी करने के लिए समुद्री रोबोट विकसित किया है। इससे पारिस्थितिक संरक्षण में भी मदद मिलेगी। हाइफा विश्वविद्यालय ने बयान में कहा, अत्यधिक मछली पकड़ने से समुद्री संसाधनों की कमी हो सकती है। यह रोबोट पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और मत्स्य संसाधनों के स्थायी प्रबंधन को सुनिश्चित करने में दुनियाभर के मछुआरों और मत्स्य पालन अधिकारियों की सहायता करेगा।

    पांच दिनों तक काम कर सकेंगे रोबोट

    एक व्यक्ति द्वारा संचालित नई रोबोटिक प्रणाली, छह सेमी जितनी छोटी मछली की पहचान के लिए सोनार स्कैनिंग क्षमता से लैस है। यह रोबोट पांच दिनों तक लगातार काम कर सकता है। रोबोट की प्रति यूनिट लागत कुछ हजार अमेरिकी डॉलर आने की उम्मीद है।

    समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार मलावी झील में परीक्षणों के दौरान रोबोट ने रंगीन 6-सेमी सिक्लिड मछली सहित अनूठी प्रजातियों की निगरानी की। सिक्लिड मछली इस झील में पाई जाती है और मलावी में आय का प्रमुख स्त्रोत है।

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