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    PM मोदी के इस बयान का मुरीद हुआ चीन, जमकर करने लगा तारीफ; कहा- हम तो साथ काम करना चाहते

    Updated: Mon, 17 Mar 2025 07:25 PM (IST)

    चीन ने भारत के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। ड्रैगन ने पीएम मोदी के बयान की सराहना भी की है। 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता के बाद दोनों देशों के मध्य रिश्तों में खटास आई थी। हालांकि पिछले साल पीएम मोदी और शी चिनफिंग के बीच सफल द्विपक्षीय बैठक के बाद रिश्ते पटरी पर लौटने लगे हैं।

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    शी चिनफिंग और पीएम मोदी। (फोटो पीटीआई )

    पीटीआई, बीजिंग। चीन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी के बयान की सराहना करते हुए चीन ने कहा कि ड्रैगन और हाथी के बीच बैले नृत्य एकमात्र विकल्प है। चीन ने भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा दोहराई है। हाल ही में पीएम मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में कहा था कि दोनों देशों को मतभेद की जगह संवाद को प्राथमिकता देना चाहिए।

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    पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच 2020 में हुई झड़प के बाद तनाव पैदा हुआ। इसे कम करने के लिए राष्ट्रपति शी के साथ बातचीत हुई। इसके बाद भारत-चीन सीमा पर स्थिति सामान्य हुई।

    पड़ोसियों के बीच मतभेद स्वाभाविक

    पीएम मोदी ने आगे कहा कि पड़ोसियों के बीच मतभेद स्वाभाविक हैं। मगर हमारे प्रयासों का उद्देश्य यह तय करना है कि मतभेद विवादों में न बदल जाएं और मतभेद के बजाय संवाद को प्राथमिकता दी जाए। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देशों ने एक समय वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 50 फीसद से अधिक का योगदान दिया था। हमारा सहयोग पारस्परिक रूप से न केवल लाभकारी है बल्कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए भी जरूरी है।

    चीन ने की पीएम मोदी की सराहना

    पीएम मोदी के इसी बयान पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चीन ने पीएम मोदी के हालिया बयान पर ध्यान दिया है। चीन इसकी सराहना  करता है।

    माओ ने आगे कहा कि पिछले साल अक्टूबर में रूस के कजान में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच सफल द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक ने संबंधों के सुधार और विकास के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया। दोनों पक्षों ने आम समझ पर ईमानदारी से काम किया और सकारात्मक रिजल्ट हासिल किया।

    2000 वर्ष पुराने आपसी संबंध

    चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि 2000 से अधिक वर्षों के आपसी संबंधों के इतिहास में दोनों देशों ने दोस्ताना आदान-प्रदान जारी रखा। दोनों देशों ने एक-दूसरे से सीखा। दो सबसे बड़े विकासशील देशों के तौर पर चीन और भारत ने अपने विकास और पुनरोद्धार के काम को साझा किया। एक-दूसरे की सफलताओं को समझा और उनका समर्थन किया।

    माओ ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग 2.8 अरब से अधिक लोगों के मौलिक हितों और क्षेत्रीय देशों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करता है। उन्होने कहा कि यह वैश्विक दक्षिण के मजबूत करने और विश्व शांति के ऐतिहासिक प्रवृत्ति का अनुसरण करता है।

    एक-दूसरे की सफलता में योगदान दें दोनों देश

    चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों को ऐसे साझेदार बनना चाहिए जो एक-दूसरे की सफलता में योगदान दें। ड्रैगन और हाथी के बीच बैले नृत्य एकमात्र विकल्प है। उन्होंने यह भी कहा कि आम सहमति को लागू करने के लिए चीन भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है। राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ को एक अवसर के रूप में लेगा। द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और विकास के पथ पर आगे बढ़ाएगा।

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