Move to Jagran APP

Pulwama Attack: दुनिया भर के विरोध के बावजूद आतंकी अजहर मसूद पर क्यों अड़ा है चीन

पुलवामा हमले की जिम्‍मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन के सरगना मसूद अजहर को लेकर चीन ने अपना पुराना रवैया बरकरार रखा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 04:12 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 08:38 AM (IST)
Pulwama  Attack: दुनिया भर के विरोध के बावजूद आतंकी अजहर मसूद पर क्यों अड़ा है चीन
Pulwama Attack: दुनिया भर के विरोध के बावजूद आतंकी अजहर मसूद पर क्यों अड़ा है चीन

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। जम्‍मू कश्‍मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सभी की निगाह चीन पर लगी है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि चीन ही वह देश है जो हमेशा से मसूद अजहर के मामले में अड़ंगा लगाता रहा है। मसूद अजहर का यहां जिक्र इसलिए किया जा रहा है क्‍योंकि सीआरपीएफ के काफिले पर जो हमला हुआ उसकी जिम्‍मेदारी जैश ए मोहम्‍मद ने ली है। इस आतंकी संगठन का हैडक्‍वार्टर भी पाकिस्‍तान के रावलपिंडी में है।

loksabha election banner

वर्ष 2000 में हुआ था जैश का गठन  

मौलाना मसूद अजहर ने वर्ष 2000 में जैश की स्थापना पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल में की थी, तब से यह भारत के खिलाफ पाकिस्तान हुक्मरानों का सबसे घातक हथियार बना हुआ है। तब से यह भारत के खिलाफ पाकिस्तान हुक्मरानों का सबसे घातक हथियार बना हुआ है। इस संगठन के महत्व को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि भारत, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों के दबाव को भी दरकिनार करते हुए पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर उसको यूएन प्रतिबंधों से बचाता रहा है। मसूद अजहर आतंकी संगठन की आड़ में अल-रहमत ट्रस्ट के नाम से एक एनजीओ भी चलाता है। इसके जरिए भी पाकिस्‍तान उसको समाज सेवक का तमगा देता आया है। वहीं चीन अपने स्‍वार्थ के लिए भारत की मंशा पर पानी फेरता आया है। पुलवामा हमले के बाद माना जा रहा था कि इस मुद्दे पर दोबारा विचार करेगा, लेकिन फिलहाल ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है।

चीन का रुख स्‍पष्‍ट

चीन के विदेश मंत्री जेंग शुआंग ने सरकार का रुख स्‍पष्‍ट करते हुए कहा है कि हम इस हमले में शहीद हुए सभी जवानों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि चीन इस तरह के किसी भी हमले की निंदा करता है। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई है कि दोनों देश क्षेत्र की शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए आपसी सहयोग करेंगे।जब उनसे आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की सूची में डालने को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था कि जैश ए मोहम्‍मद को संयुक्‍त राष्‍ट्र की आतंकी लिस्‍ट में शामिल किया गया है। चीन इसको लेकर काफी संजीदा है और इस पर उसका रुख काफी रचनात्मक और जिम्मेदाराना है। उनका यह बयान इसलिए बेहद खास है क्‍योंकि चीन हमेशा से ही अजहर के मुद्दे पर वीटो का इस्‍तेमाल करते हुए उसको वैश्विक आतंकी लिस्‍ट में शामिल करने से रोकता आया है। ये हाल तब है जब अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस इस मुद्दे पर भारत का साथ देते आए हैं। इसके अलावा चीन पाकिस्‍तान का निकट सहयोगी भी है।

चीन की कूटनीतिक बयानबाजी

दरअसल, चीन ने इस मुद्दे पर बेहद कूटनीतिक बयानबाजी करते हुए अपना पुराना स्‍टेंड ही कायम रखा है। उसका कहना है कि वह इस मुद्दे पर भारत और पाकिस्‍तान के संपर्क में है। भारत द्वारा यूएन मिलिट्री ऑब्‍जरवर ग्रुप को जम्‍मू कश्‍मीर में आने की इजाजत न देने के सवाल पर जेंग का कहना था कि भारत और पाकिस्‍तान क्षेत्र के अहम देश हैं। चीन उम्‍मीद करता है कि दोनों देश हर विवादित मुद्दे को बातचीत के रास्‍ते हल करेंगे। इसके अलावा चीन इस बात की भी उम्‍मीद करता है कि दोनों देश क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए कोई भी कदम उठाएंगे। यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि भारत ने विश्‍व समुदाय से अपील की है कि जैश ए मोहम्‍मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का समर्थन करें।

पाकिस्‍तान मीडिया का घिनौना चेहरा, पुलवामा में हमला करने वालों को बताया Freedom Fighter


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.