आतंकवादियों का सबसे बड़ा मसीहा है चीन, रिपोर्ट से जानें आखिर क्या है इसके पीछे की वजह
आतंकियों की सूची में पाक के आतंकी को शामिल करने के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को रोककर चीन वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। एक रिपोर्ट की माने तो शीर्ष देश बनने की आकांक्षा रखने वाला चीन अब आतंकियों का मसीहा बनता जा रहा है।

बीजिंग, एएनआइ। चीन हमेशा आतंकवाद पर दोहरा चरित्र दिखाता है। एक ओर वो आतंक के खात्मे की बाद करता है तो दूसरी और हमेशा आतंकियों को सूचीबद्ध करने में रोड़े अटकाता है। एक रिपोर्ट की माने तो शीर्ष देश बनने की आकांक्षा रखने वाला चीन अब आतंकियों का मसीहा बनता जा रहा है। पड़ोसी मुल्क आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को रोककर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
हाफिज सईद के बेटे को आतंकी घोषित होने से बचाया
चीन ने हाल ही में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रमुख हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद को संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध आतंकवादी के रूप में नामित करने के प्रयास को फेल कर दिया था। इसके कुछ घंटे बाद लश्कर के एक अन्य सदस्य शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से बचा लिया था।
लश्कर-ए-तैयबा खुद कबूल चुका जुर्म
वाइसिस अगेंस्ट आटोक्रेसी (तानाशाही) (VAA) नामक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार लश्कर-ए-तैयबा ने खुद सार्वजनिक रूप से निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है, लेकिन फिर भी चीन उसे सही मानता है।
पांच महीनों में पांचवीं बार डाला रोड़ा
इस साल पांच महीनों में यह पांचवीं बार है जब चीन ने अक्टूबर में लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य शाहिद महमूद, साजिद मीर को संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादियों की सूची में डालने पर रोक लगा दी है। सितंबर, जून में लश्कर और जमात-उद-दावा (JuD) के नेता अब्दुल रहमान मक्की, साथ ही अगस्त में अब्दुल रऊफ अजहर, जैश-ए मोहम्मद (JEM) प्रमुख मसूद अजहर के भाई, को बीजिंग द्वारा संरक्षण दिया गया था।
ये है असली वजह
वीएए की रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह के अवरोधों के पीछे का कारण लश्कर-ए-तैयबा के नेताओं को प्रतिबंधित करने के अमेरिका और भारतीय प्रयासों को विफल करना है। चीन इसी के साथ पाकिस्तान को यह दिखाना चाहता है कि वह उसका सच्चा मित्र है।
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