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    कनाडा में खालिस्तानी आतंकी इंदरजीत सिंह गोसाल गिरफ्तार, SFJ पर शिकंजा कसना शुरू

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 10:00 PM (IST)

    कनाडा में खालिस्तानी आतंकी इंदरजीत सिंह गोसाल की गिरफ्तारी दिखाती है कि एजेंसियां सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) पर कार्रवाई कर रही हैं। गोसाल जो एसएफजे का मुख्य समन्वयक है खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करवाता था। एसएफजे खालिस्तान आंदोलन का प्रचार विंग है और इसने कई बार प्रधानमंत्री मोदी को लक्षित किया है।

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    कनाडा में खालिस्तानी आतंकी इंदरजीत सिंह गोसाल गिरफ्तार (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा में खालिस्तानी आतंकी इंदरजीत सिंह गोसाल की गिरफ्तारी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि जांच एजेंसियों ने सिख फार जस्टिस (एसएफजे) के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

    गोसाल कनाडा में प्रतिबंधित एसएफजे का मुख्य समन्वयक है और वह पंजाब से अलग खालिस्तान राष्ट्र के लिए समर्थन जुटाने के लिए कई जनमत संग्रह आयोजित करने के लिए जिम्मेदार था। भारतीय एजेंसियां नियमित रूप से कनाडा में अपने समकक्षों के साथ खुफिया जानकारी साझा कर रही हैं। जबकि बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे संगठनों के बारे में जानकारी साझा की जा रही है, इस बार ध्यान मुख्य रूप से एसएफजे पर केंद्रित है।

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    प्रचार विंग चलाता है SFJ खालिस्तान

    भारतीय अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि एसएफजे, बब्बर खालसा इंटरनेशनल के विपरीत सशस्त्र संघर्ष नहीं कर रहा है, लेकिन यह सच है कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा नेतृत्व किए जाने वाला यह संगठन कहीं अधिक खतरनाक है। एसएफजे खालिस्तान आंदोलन का प्रचार विंग चलाता है।

    अधिकांश अभियानों का केंद्र खालिस्तान निर्माण के इर्द-गिर्द घूमता है। इसने बार-बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लक्षित किया और उनकी हत्या की मांग की है। एसएफजे भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था, जिसका उद्देश्य सिख समुदाय को उग्र बनाना और उन्हें भारत सरकार के खिलाफ हथियार उठाने के लिए प्रेरित करना था।

    भारत ने कनाडा से चिंता व्यक्त की है कि खालिस्तानी भारत में हमले के लिए कनाडा का लांच पैड के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। कई डोजियर साझा किए जो एसएफजे की भूमिका को अन्य आतंकी समूहों व गैंगस्टरों से साठगांठ साबित करते हैं।

    कनाडा के लिए साबित हो सकता है हानिकारक

    भारत ने कई मौकों पर यह इंगित किया है कि यदि कनाडा ने कार्रवाई नहीं की, तो यह जल्द ही उनके लिए हानिकारक हो जाएगा। 18 सितंबर को नई दिल्ली में एनएसए अजीत डोभाल और उनकी समकक्ष नाथाली जी ड्राइन के बीच बैठक के बाद उन्होंने कहा, "हमने अपनी सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा की और गैर-हस्तक्षेप का वचन दिया है।"

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