कनाडा में दो भारतीयों की हत्या के बाद बढ़ी चिंता: पत्रकार ने जताई 'भारत विरोधी भावना' की आशंका, पुलिस पर उठे सवाल
कनाडा के टोरंटो शहर में एक सप्ताह के अंदर दो भारतीय मूल के लोगों की हत्या ने भारतीय समुदाय में सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। इन घटनाओं के ...और पढ़ें

कनाडा में दो भारतीयों की हत्या के बाद बढ़ी चिंता: पत्रकार ने जताई 'भारत विरोधी भावना' की आशंका (फोटो- एक्स)
डिजिटल डेस्क, टोरंटो। कनाडा के टोरंटो शहर में एक सप्ताह के अंदर दो भारतीय मूल के लोगों की हत्या ने भारतीय समुदाय में सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। इन घटनाओं के बाद कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने देश में बढ़ रही "भारत विरोधी भावना" की संस्कृति पर चिंता जताई है और पुलिस की कार्यशैली पर कड़ी आलोचना की है।
पहली घटना में 30 वर्षीय भारतीय मूल की हिमांशी खुराना की लाश 20 दिसंबर को उनके आवास में मिली थी। पुलिस ने इसे घरेलू हिंसा का मामला बताया है और उनके साथी अब्दुल गफूरी (32) की तलाश में कनाडा-व्यापी वारंट जारी किया है। गफूरी पर प्रथम श्रेणी हत्या का आरोप है। भारतीय दूतावास ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
इसके मात्र कुछ दिन बाद, 23 दिसंबर को 20 वर्षीय भारतीय छात्र शिवांक अवस्थी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के स्कारबरो कैंपस के पास हाईलैंड क्रीक ट्रेल क्षेत्र में हुई। पुलिस ने इसे शहर की 2025 की 41वीं हत्या बताया और संदिग्धों की तलाश जारी है।
शिवांक जीवन विज्ञान में डॉक्टरल छात्र थे और यूनिवर्सिटी की चीयरलीडिंग टीम के सदस्य भी थे। दूतावास ने उनकी मौत पर "गहरा दुख" जताया और परिवार से संपर्क में होने की जानकारी दी। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि दोनों हत्याएं असंबंधित हैं और अलग-अलग जांच की जा रही हैं।
पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने एएनआई से बातचीत में कहा, "कनाडा में भारत विरोधी भावना की एक बढ़ती संस्कृति है, जिसे कई कारकों से बढ़ावा मिल रहा है।" उन्होंने पुलिस की जांच पर संदेह जताते हुए कहा कि गंभीर अपराधों में कानून प्रवर्तन एजेंसियां अक्षम साबित हो रही हैं, जबकि अन्य मामलों में अत्यधिक आक्रामक रवैया अपनाती हैं।
बोर्डमैन ने शिवांक की हत्या के मामले में कहा, "जनता को सिर्फ इतना पता है कि पीड़ित को गोली मारी गई है। क्यों, किसने, कब और कैसे—इस बारे में कुछ नहीं पता। कनाडाई पुलिस की अक्षमता की मुझे पूरी आशंका है।" उन्होंने आगे कहा कि अगर यह किसी गैर-श्वेत अधिकारी के खिलाफ ऑनलाइन टिप्पणी होती, तो सख्त सजा होती, लेकिन हत्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
ये टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं जब कनाडा में भारतीय छात्रों और प्रवासियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। भारतीय दूतावास दोनों परिवारों के संपर्क में है और स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर मदद प्रदान कर रहा है।
यह घटनाएं कनाडा में भारतीय समुदाय के लिए एक चेतावनी बन गई हैं, जहां हजारों छात्र उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती अपराध दर और सामाजिक तनाव छात्रों की सुरक्षा को प्रभावित कर रहे हैं।

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