Canada: भारत से पंगा और ट्रूडो का पतन शुरू, आखिर कनाडाई पीएम को क्यों देना पड़ रहा इस्तीफा, अब क्या है विकल्प?
Canada PM Justin Trudeau कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो जल्द ही अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। अपनी ही लिबरल पार्टी के घेरे में फंसे ट्रूडो पर आरोप है कि वो गिरती अर्थव्यवस्था और पार्टी के भीतर असंतोष समेत देश में बढ़ती घरेलू चुनौतियों से ध्यान भटकाने के लिए भारत के खिलाफ आरोपों का इस्तेमाल कर रहे हैं। जानें ट्रूडो पर इस्तीफे का दबाव और किन कारणों से है।

डिजिटल डेस्क, ओटावा। Canada PM Justin Trudeau भारत के साथ पंगा लेने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। वो किसी भी समय पद छोड़ने की घोषणा कर सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि ट्रूडो बुधवार तक इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि, अभी तक इसका कोई एलान नहीं हुआ है।
भारत से पंगे के बाद फंसे ट्रूडो
अपनी ही लिबरल पार्टी के घेरे में फंसे ट्रूडो पर आरोप है कि वो गिरती अर्थव्यवस्था और पार्टी के भीतर असंतोष समेत देश में बढ़ती घरेलू चुनौतियों से ध्यान भटकाने के लिए भारत के खिलाफ आरोपों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ट्रूडो पर इस कारण पद छोड़ने का दबाव
- दरअसल, पिछले साल दिसंबर में कनाडा की वित्त मंत्री रहीं क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने नीतिगत टकराव के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था, जो ट्रूडो सरकार के लिए बड़ा झटका था। वो ट्रूडो के अमेरिकी टैरिफ से निपटने के तरीके और उनकी आर्थिक रणनीति पर नाराज थीं।
- क्रिस्टिया के इस्तीफे के बाद ट्रूडो पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है। यहां तक की सीन केसी और केन मैकडोनाल्ड सहित कई बड़े लिबरल पार्टी के सांसदों ने ट्रूडो को सार्वजनिक रूप से पद छोड़ने को कहा है।
- कनाडा के अखबार द ग्लोब एंड मेल के अनुसार, ट्रूडो जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे।
- ट्रूडो के इस्तीफा देने से पार्टी के पास कोई स्थाई प्रमुख नहीं रहेगा।
क्यों देना पड़ रहा इस्तीफा?
- रिपोर्ट के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रूडो अभी पद छोड़ेंगे या नए नेता का चयन होने तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे।
- ट्रूडो ने 2013 में लिबरल नेता के रूप में पदभार संभाला था जब पार्टी गहरे संकट में थी और पहली बार हाउस ऑफ कॉमन्स में तीसरे स्थान पर आ गई थी।
- दरअसल, ट्रूडो पर इस्तीफा देने का दबाव का कारण ये है कि उनकी पार्टी चुनाव से पहले हुए सर्वेक्षणों में उदारवादी कंजर्वेटिवों से बुरी तरह हार रही है।
- ऐसे समय में जब सर्वेक्षणों से पता चलता है कि अक्टूबर के अंत तक होने वाले चुनावों में लिबरल्स आधिकारिक विपक्षी कंजर्वेटिव्स से बुरी तरह हार सकती है, तो ट्रूडो जल्द इस्तीफा दे सकते हैं।
अगर ट्रूडो इस्तीफा देते हैं तो क्या होगा?
अगर ट्रूडो इस्तीफा देते हैं, तो लिबरल पार्टी के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के लिए एक अंतरिम नेता का नाम तय करना होगा। इसके लिए पार्टी को नया नेता चुनने के लिए विशेष कन्वेंशन आयोजित करने होंगे।
पार्टी के लिए चुनौती यह है कि इन कन्वेंशन को आयोजित करने में आमतौर पर महीनों लग जाते हैं और अगर उससे पहले चुनाव हो जाते हैं, तो लिबरल पार्टी ऐसे प्रधानमंत्री के हाथों में होगी जिसे सदस्यों द्वारा नहीं चुना जाएगा। कनाडा में ऐसा कभी नहीं हुआ है।
लिबरल पार्टी कम समय में भी सम्मेलन चला सकती है, लेकिन इससे उन उम्मीदवारों की ओर से विरोध प्रदर्शन हो सकता है, जिन्हें लगता है कि इससे चुनाव में उन्हें नुकसान होगा।
भारत से पंगा लेकर कैसे फंसे?
दरअसल, पिछले साल ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया। निज्जर को कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मार दी गई थी। भारत ने इन आरोपों को निराधार बताया था, क्योंकि कनाडा कोई सबूत भी नहीं दे पाया था।
इसके बाद भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और ओटावा में अपने राजदूत को वापस बुला लिया। इसके बाद ट्रूडो इस मुद्दे पर खुद अपने देश में ही घिर गए थे।
क्या इस्तीफा देने से बच सकते हैं ट्रूडो?
ट्रूडो इस्तीफा देने से बचने के लिए संसद को स्थगित कर सकते हैं, जिससे वर्तमान सत्र औपचारिक रूप से समाप्त हो जाएगा और उन्हें कुछ राहत मिलेगी। इससे संसद कई हफ्तों तक विलंबित होगी, जिससे सरकार को देश चलाने की अपनी योजना के बारे में एक नई योजना बताने का मौका मिलेगा। इससे उनकी सरकार के खिलाफ किसी अविश्वास प्रस्ताव को भी टाला जा सकता है।
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