Canada Election: मार्क कार्नी की जीत के बाद बेहतर होंगे भारत-कनाडा के संबंध? पढ़ें लिबरल पार्टी के नेता की क्या है सोच
Canda Election कनाडा में हुए आम चुनाव में मार्क कार्नी की अगुवाई वाली लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की है। कार्नी ने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे को कड़ी टक्कर दी। भारत को उम्मीद है कि कार्नी के शासन में भारत और कनाडा के रिश्ते सुधरेंगे। कार्नी ने भारत के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने और राजनयिक संबंधों को बेहतर बनाने की बात कही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा में हुए आम चुनाव (Canada General Election) के नतीजे सामने आ चुके हैं। मार्क कार्नी (Mark Carney) के नेतृत्व वाली लिबरल पार्टी ने जीत हासिल कर ली है। मार्क कार्नी का मुकाबला कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे से था। गौरतलब है कि चुनाव में प्रो खालिस्तानी नेता जगमीत सिंह की हार हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया के ज्यादातर नेताओं ने लिबरल पार्टी की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मार्क कार्नी को जीत की बधाई दी है।
Congratulations @MarkJCarney on your election as the Prime Minister of Canada and to the Liberal Party on their victory. India and Canada are bound by shared democratic values, a steadfast commitment to the rule of law, and vibrant people-to-people ties. I look forward to working…
— Narendra Modi (@narendramodi) April 29, 2025
हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि पार्टी को बहुमत के लिए जरूरी 172 सीटें मिलेंगी या किसी दूसरी पार्टी के सपोर्ट से मार्क कार्नी को मिली जुली सरकार चलानी होगी।
बता दें कि कनाडा में 343 संघीय क्षेत्र हैं, जिन्हें निर्वाचन क्षेत्र या चुनावी जिले भी कहा जाता है। इस साल जनवरी ने जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, इसके बाद मार्क कार्नी को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। एक बार फिर कार्नी, देश का बागडोर संभालने के लिए तैयार हैं।
भारत और कनाडा के संबंध बनेंगे बेहतर?
भारत को उम्मीद है कि मार्क कार्नी के शासन में भारत और कनाडा के रिश्ते सुधरेंगे। जस्टिन ट्रूडो के दौर में दोनों देशों के बीच रिश्तों में काफी खटास पैदा हो चुकी है। कनाडा में खालिस्तान समर्थक बैखौफ घूम रहे हैं। वहां की सरकार और नेता इन अलगाववादियों का समर्थन करते हैं।
बता दें कि 18 जून 2023 को आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या हो गई थी। कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या के पूछे भारतीय एजेंसियों का हाथ बताया था। भारत ने कनाडा के आरोपों को बेबुनियाद बताया था।
इस घटना के बाद दोनों देशों को रिश्तों में काफी कड़वाहट बढ़ गई है। भारत को उम्मीद है कि मार्क कार्नी के शासन में दोनों देशों के रिश्ते बेहतर बनेंगे। कार्नी ने भारत के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने और डिप्लोमेटिक संबंध बेहतर बनाने की बात कही है।
अब ये जान लेते हैं कि भारत को लेकर मार्क कार्नी ने क्या कहा था,
कार्नी ने कुछ दिनों पहले यह भी कहा था कि कनाडा के पास समान सोच वाले मित्र देशों के साथ अपने व्यापार संबंध डायवर्सिफाई करने का अवसर है। हमारे पास भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने का मौका है। कनाडा को नए दोस्तों और सहयोगियों की जरूरत है।
ट्रंप के मुखर आलोचक हैं कार्नी
गौरतलब है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद कनाडा और अमेरिका के रिश्ते बेहद खराब हो चुके हैं। एक तरफ जहां ट्रंप ने कई बार कनाडा को अमेरिका का 51 वां राज्य बनाने की बात कही है। वहीं, दूसरी ओर अमेरिका ने कनाडा पर जबरदस्त टैरिफ लगाया है। मार्क कार्नी को ट्रंप की नीति रास नहीं आती है। चुनाव में मिली जीत के तुरंत बाद उन्होंने ट्रंप पर निशाना साधा है।
कार्नी ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप हमें तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं ताकि अमेरिका हम पर अपना अधिकार जमा सके ऐसा कभी नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के साथ हमारा पुराना रिश्ता अब खत्म हो चुका है। हम अमेरिकी विश्वासघात के सदमे से उबर चुके हैं, हमें एक-दूसरे का ख्याल रखना होगा।
कार्नी की जिंदगी से जुड़ी कुछ अहम बातें
अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने वाले मार्क कार्नी, बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर भी रह चुके हैं। साल 2012 में यूरोमनी मैगजीन ने उन्हें 'सेंट्रल बैंक गवर्नर ऑफ द ईयर' घोषित किया था।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले कार्नी को हॉकी का शौक है। जवानी में वो हॉकी भी खेला करते थे। इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर उन्हें न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो और टोरंटो में काम करने का अनुभव है।
साल 2008 में कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने उन्हें बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर बनाया था। साल 2008 में आए वैश्विक आर्थित संकट से कनाडा को बचाने में मार्क कार्नी ने अहम योगदान निभाया था।
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