Global Economy Recession: विश्व बैंक ने दी चेतावनी- वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहा मंदी का खतरा
अमेरिका यूरोप और चीन की विकास दर में कमजोरी को देखते हुए विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है। विश्व बैंक ने कहा कि उसने कैलेंडर वर्ष के वैश्विक विकास के अपने पूर्वानुमान को लगभग आधा घटाकर 1.7 प्रतिशत कर दिया।

वाशिंगटन, एपी। अमेरिका, यूरोप और चीन की विकास दर में कमजोरी को देखते हुए विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है। विश्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि उसने कैलेंडर वर्ष के वैश्विक विकास के अपने पूर्वानुमान को लगभग आधा घटाकर 1.7 प्रतिशत कर दिया है। पिछले अनुमान में विश्व बैंक ने तीन प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाया था। अगर यह पूर्वानुमान सटीक बैठता है तो (2008 की मंदी वाला साल और 2020 का महामारी वाला वर्ष छोड़कर) यह तीन दशकों में सबसे कम विकास दर होगी।
एक सप्ताह पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) द्वारा जारी रिपोर्ट में भी इसी तरह की निराशाजनक तस्वीर पेश की गई थी। आइएमएफ प्रमुख क्रिस्टलीन जार्जीवा ने एक कार्यक्रम में कहा था कि इस साल दुनिया का एक तिहाई हिस्सा मंदी की चपेट में आ जाएगा। विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अमेरिका इस मंदी से बच सकता है।
विश्व बैंक ने अनुमान लगाया गया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था 0.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करेगी। हालांकि अगर कोरोना बढ़ता है और रूस-यूक्रेन युद्ध् और गंभीर होता है तो अमेरिका के सामने सप्लाई चेन की दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं। कमजोर चीनी अर्थव्यवस्था का असर यूरोप पर पड़ेगा, जो लंबे समय से चीन का एक प्रमुख निर्यातक रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका और यूरोप जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती ब्याज दरें गरीब देशों से पूंजी निवेश को आकर्षित करेंगी। ऐसी स्थिति में इन देशों में घरेलू निवेश का संकट पैदा हो सकता है।
इसका एक दूसरा असर यह होगा कि ऊंची ब्याज दरों से विकसित देशों में विकास पर असर पड़ेगा। यह ऐसी स्थिति ऐसे समय उत्पन्न होगी जब रूस-यू्क्रेन युद्ध् के चलते खाद्य कीमतें पहले से ही बहुत ज्यादा हैं। वैश्विक मंदी का सबसे ज्यादा असर अफ्रीकी देशों पर पड़ेगा। विश्व बैंक का अनुमान है कि इन क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति 2023 और 2024 में केवल 1.2 प्रतिशत बढ़ेगी। विश्व बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मालपास ने कहा, <ष्ठBरु-क्तTस्>विकास और व्यापार निवेश में कमजोरी शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी और बुनियादी ढांचे की कमी से जूझ रहे देशों की परेशानी बढ़ाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।