क्या है NO KINGS प्रदर्शन? ट्रंप के खिलाफ अमेरिका की सड़कों पर उतरे लोग; 5 पॉइंट में पढ़ें सबकुछ
NO KINGS Protest: अमेरिका में डोनल्ड ट्रंप की कथित तानाशाही और नीतियों के खिलाफ 'नो किंग्स' नामक देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। 2,700 से अधिक स्थानों पर लोग ट्रंप के टैरिफ, अप्रवासी और स्वास्थ्य सेवा कटौती जैसे फैसलों का विरोध कर रहे हैं। 200 से ज्यादा वामपंथी संगठनों द्वारा आयोजित यह प्रदर्शन इस बात पर जोर देता है कि 1776 से अमेरिका में कोई राजा या निरंकुश शासक नहीं है।
-1760850488495.webp)
अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ 'NO KINGS' प्रदर्शन। फोटो- रायटर्स
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के खिलाफ कई लोग सड़कों पर उतर आए हैं। ट्रंप की कथित तानाशाही के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन होने लगे हैं। इस प्रदर्शन को 'नो किंग्स' (NO KINGS) का नाम दिया गया है, जिसकी चर्चा अब पूरी दुनिया में हो रही है।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के छोटे शहरों से लेकर न्यूयॉर्क जैसे शहरों तक इस प्रदर्शन की गूंज सुनाई दे रही है। 2,700 से ज्यादा जगहों पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। सभी हाथ में पोस्टर लेकर ट्रंप की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
'नो किंग्स' का मतलब क्या है?
'नो किंग्स' का मतलब है कि अमेरिका का कोई राजा नहीं है। 1776 में आजादी के बाद अमेरिका एक बिना राजा वाला देश है, जहां कोई राजा या निरंकुश शासक का आदेश नहीं चलेगा। यह धरना प्रदर्शन ट्रंप की कठोर नीतियों के खिलाफ किया जा रहा है।
कौन कर रहा है 'नो किंग्स' प्रदर्शन?
अमेरिका के 200 से ज्यादा संगठनों ने मिलकर एक गठबंधन बनाया है, जिसे 'नो किंग्स' नाम दिया गया है। इस गठबंधन में ज्यादा वामपंथी विचारधारा की तरफ झुकाव रखने वाले संगठन शामिल हैं। इससे पहले जून में भी 'नो किंग्स' प्रदर्शन देखने को मिला था। प्रदर्शन की वेबसाइट nokings.org पर इससे जुड़ी जानकारी मौजूद है।
वेबसाइट के अनुसार,
NO KINGS महज एक नारा नहीं है। यह अमेरिका की बुनियाद है। यह नारा सड़कों पर जन्मा है। लाखों लोग अब तक इससे जुड़ चुके हैं। कई पोस्टरों में इस नारे को दोहराया गया है। यह पूरे देश को तानाशाही के खिलाफ एकजुट करने का काम करता है।
ट्रंप की किन नीतियों का हो रहा है विरोध?
20 जनवरी 2025 को सत्ता संभालने के बाद डोनल्ड ट्रंप ने कई बड़े कदम उठाए हैं। टैरिफ लगाने से लेकर बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने, स्वास्थ्य सेवाओं में कटौती करने और अरबपतियों के हित में कदम उठाने के साथ-साथ आम लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज करने जैसे कई फैसले लिए हैं। ट्रंप की इन्हीं नीतियों के खिलाफ कई अमेरिकियों का गुस्सा फूट पड़ा है और सभी ट्रंप के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।
कई नेता भी ट्रंप से नाराज
वहीं, ट्रंप ने अमेरिका के कई शहरों में केंद्रीय फोर्स भी तैनात कर दी है। इससे स्थानीय नेता भी ट्रंप के खिलाफ हो गए हैं। हालांकि, ट्रंप ने सभी को धमकी देते हुए कहा था कि अगर किसी ने उनके फैसले के खिलाफ जाने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अमेरिका की किन जगहों पर हो रहे हैं प्रदर्शन?
'नो किंग्स' विरोध प्रदर्शन 2,700 से ज्यादा शहरों और कस्बों में आयोजित किया गया है। इस लिस्ट में अमेरिकी की राजधानी वाशिंगटन डीसी, सैन फ्रांसिस्को, सैन डिएगो, अटलांटा, न्यूयॉर्क सिटी, टेक्सास, होनोलूलू, बोस्टन, मिसौरी, मोंटाना, शिकागो और न्यू ऑरलियन्स का नाम शामिल है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।