Iran Israel War: ईरान के खिलाफ युद्ध में ट्रंप को क्यों नहीं मिल रहा अपनों का ही साथ, 2003 से कितनी अलग है 2025 की स्थिति?
रविवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु स्थलों पर सटीक हवाई हमले किए हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें आलोचना का शिकार होना पड़ा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
जेएनएन, डिजिटल डेस्क। 2003 में जब अमेरिका ने इराक पर हमला किया था तो उस वक्त जनता देश के साथ खड़ी थी। राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने जनता को बताया था कि इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के पास विनाशकारी हथियार थे और वो अमेरिका के लिए खतरा थे।
अब दो दशक बाद दुनिया अलग तरह का युद्ध देख रही और अमरीकियों की प्रतिक्रिया भी 2003 से बहुत अलग दिख रही है। रविवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु स्थलों पर सटीक हवाई हमले किए हैं। इन हमलों ने ईरान को तो काफी नुकसान पहुंचाया लेकिन अमेरिका की जनता ट्रंप के साथ खड़ी नहीं दिखी, बल्कि सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना की।
ईरान पर हमले को लेकर क्या कह रही अमेरिकी जनता?
- एक्स पर एक यूजर ने लिखा, "ट्रंप ईरान को मिडिल ईस्ट का बुली कहते हैं. इजरायल ने पिछले दो वर्षों में 5 देशों पर बमबारी की है और 3 पर आक्रमण किया है लेकिन बुली ईरान है. यह आदमी एक दयनीय धोखेबाज है।"
- दूसरे शख्स ने लिखा, "ट्रंप ने ईरान पर हमले की घोषणा की। कांग्रेस की मंजूरी के बिना। स्वयंभू युद्ध-विरोधी राष्ट्रपति के हाथों।"
- एक अन्य यूजर ने कहा, "यह आदमी पागल है। अमेरिका ने किस अधिकार से ईरान पर बमबारी की? क्या सबूत है? ट्रंप का कहना है कि अमेरिका ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान में ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला किया है। अब हम सभी को न्यूयॉर्क जैसे उच्च प्राथमिकता वाले अमेरिकी शहरों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है।"
2003 से अब 2025 में क्या बदल गया?
उस समय, दो-तिहाई से अधिक अमेरिकी इराक में सैन्य कार्रवाई का समर्थन करते थे। राष्ट्रपति बुश के भाषण लिखने वालों ने आतंकवाद और राष्ट्रीय भेद्यता के डर को सावधानीपूर्वक जनता के सामने पहुंचाया। केबल समाचार से लेकर प्रमुख समाचार पत्रों तक मुख्यधारा के मीडिया ने अक्सर प्रशासन के मुद्दों को ही उठाया।
2025 में इसका उल्टा हो रहा है। हमलों से ठीक पहले किए गए YouGov/Economist सर्वे के मुताबिक, 60 प्रतिशत अमेरिकियों ने कहा कि वे ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का विरोध करते हैं। वाशिंगटन पोस्ट के एक अलग सर्वे में भी इसी तरह के रुझान पाए गए, जिसमें 45 प्रतिशत लोगों ने इसका विरोध किया, केवल 25 प्रतिशत ने इसका समर्थन किया और 30 प्रतिशत लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया।
यहां तक कि ट्रंप के वफादारों में भी दरार के संकेत दिखे। स्टीव बैनन जैसे MAGA-संबद्ध लोगों ने सार्वजनिक रूप से चेतावनी दी है कि ईरान के साथ युद्ध अमेरिका को तोड़ देगा। उनके कट्टर समर्थकों ने भी ट्रंप के अमेरिका फर्स्ट वाले बयान पर सवाल उठाए।
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