कौन हैं रमेशा ओज़टर्क? अमेरिका में तुर्की की छात्रा को मास्क पहने लोगों क्यों हिरासत में लिया
तुर्की की छात्रा और तुफ़्ट्स यूनिवर्सिटी की डॉक्टोरल छात्रा रमेशा ओज़टर्क को बिना किसी स्पष्ट कारण के कथित तौर पर फेडरल एजेंट्स ने हिरासत में लिया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें मास्क पहने एजेंट्स उसे हथकड़ी लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। उसकी वकील ने इसे अवैध बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है। रमेशा की वीज़ा भी रद्द कर दिया गया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में होमलैंड सिक्योरिटी एजेंट्स ने तुर्की की नागरिक और तफ्ट्स यूनिवर्सिटी की डॉक्टोरल छात्रा रमेशा ओज़टर्क को बिना किसी स्पष्ट कारण के हिरासत में लिया है, इस बात की जानकारी उनकी वकील महसा खानबाबाई ने दी।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें मास्क पहने हुए लोग रमेशा को हथकड़ी लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में एक आदमी यह सवाल करता है, "आप अपने चेहरे क्यों छिपा रहे हैं?"
गिरफ्तारी के समय की जानकारी
रमेशा की वकील के अनुसार, वह 25 मार्च मंगलवार की रात को अपने घर से निकलकर इफ्तार के लिए दोस्तों से मिलने जा रही थी, तभी उसे रोक लिया गया।
यह गिरफ्तारी बस्ती में बिना किसी आरोप के की गई, और उनकी वकील ने कोर्ट में दायर एक याचिका में कहा कि अभी तक रमेशा के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाए गए हैं। वे यह भी कहती हैं कि अब तक रमेशा से संपर्क नहीं किया जा सका है और न ही उनकी स्थिति का कोई पता चल सका है।
Watch this footage of masked ICE agents wearing street clothes stalking, surrounding, grabbing and abducting Tufts University PhD student Rumeysa Ozturk outside her home in broad daylight. Her crime? Apparently writing a editorial in her student newspaper criticizing the genocide… pic.twitter.com/45I6AFqSXX
— CAIR National (@CAIRNational) March 26, 2025
कौन हैं रमेशा ओजटर्क?
रमेशा ओज़टर्क ने पिछले मार्च में The Tufts Daily में एक ओप-एड लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने विश्वविद्यालय के एक समुदाय संघ से संबंधित प्रस्तावों की आलोचना की थी। इस लेख में तुर्की छात्रा ने ‘फिलिस्तीनी नरसंहार’ को स्वीकारने और इज़राइल से जुड़े कंपनियों से विश्वविद्यालय को निवेश निकालने की मांग की थी। इसके बाद, कनीरी मिशन नामक एक वेबसाइट ने रमेशा का नाम सार्वजनिक किया, जिसमें उसे "अमेरिका, इज़राइल और यहूदियों के खिलाफ घृणा फैलाने वाला" बताया गया।
पुलिस की कार्रवाई और वीडियो पर प्रतिक्रियाएं
रमेशा की गिरफ्तारी का वीडियो वायरल होने के बाद, कई लोगों ने इसे अवैध और डरावनी कार्रवाई के रूप में देखा। एक स्थानीय सॉफ़्टवेयर इंजीनियर, माइकल मैथिस ने कहा कि वीडियो देखने से ऐसा लगता है जैसे कोई अपहरण हो रहा हो, क्योंकि गिरफ्तारी करने वाले सभी लोग बिना किसी पहचान के और मुंह ढके हुए थे। इस घटना पर तुर्की समुदाय के कई लोग और मानवाधिकार संगठनों ने विरोध जताया।
शासन की आलोचना और जमानत की याचिका
मैसाचुसेट्स राज्य की अटॉर्नी जनरल, एंड्रिया जॉय कैम्पबेल ने इस मामले को "चिंताजनक" बताते हुए कहा कि यह कार्रवाई उस छात्रा को लक्षित करने वाली प्रतीत होती है, जिसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं था।
उन्होंने इसे डराने-धमकाने की कार्रवाई बताया। इस बीच, न्यायाधीश इंदिरा तालवानी ने सरकार को यह स्पष्ट करने का आदेश दिया कि क्यों रमेशा को हिरासत में लिया गया है, और यह आदेश दिया कि उसे 48 घंटों से पहले किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
रमेशा की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया और विरोध प्रदर्शन
रमेशा की गिरफ्तारी के खिलाफ बुधवार को सॉमर्विल में सैकड़ों समर्थकों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'फ्री रमेशा ओज़टर्क' के नारे लगाए और फिलिस्तीनी ध्वज लहराए। प्रदर्शनकारियों का मानना था कि यह गिरफ्तारी किसी राजनीतिक मतभेद के कारण की गई है, और रमेशा का केवल विचारों के आधार पर उत्पीड़न किया जा रहा है।
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