कहां है ट्रंप की तीसरी दुनिया, कौन-कौन से देश शामिल; कहां से आया ये शब्द? पढ़ें इनसाइड स्टोरी?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'थर्ड वर्ल्ड कंट्री' से आने वाले नागरिकों के इमिग्रेशन पर बैन लगाने की बात कही है। 'थर्ड वर्ल्ड' शब्द शीत युद्ध के समय आया, जब दुनिया दो गुटों में बंटी थी। UN के अनुसार, 44 देश 'थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज' में शामिल हैं, जिनमें अफ्रीका, एशिया, पैसिफिक और कैरेबियन के देश हैं। ट्रंप प्रशासन इन देशों के इमिग्रेशन स्टेटस की दोबारा जांच करेगा।
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ट्रंप का 'थर्ड वर्ल्ड' देशों पर इमिग्रेशन बैन। जागरण ग्राफिक्स
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने थैंक्सगिविंग के मौके पर एक ऐसा बयान दिया है जिससे दुनियाभर में तहलका मच गया है। ट्रंप ने कहा कि 'थर्ड वर्ल्ड कंट्री' (गरीब और कम विकसित देश) से आने वाले सभी नागरिकों का इमिग्रेशन अमेरिका में हमेशा के लिए बैन कर दिया जाएगा। इसका सीधा मतलब ये है कि अब इन देशों के नागरिकों के पढाई, नौकरी या परिवार से मिलने की राह बेहद मुश्किल हो जाएगी।
ट्रंप ने ये फैसला व्हाइट हाउस के पास नेशनल गार्ड पर हुए आतंकी हमले के ठीक एक दिन लिया है। ऐसे में दुनियाभर में अब थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज की चर्चा जोरो पर है। आखिर क्या है ये थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज और अमेरिका इनपर इनता सख्त्त रवैया क्यों अपना रहा है? आइये डिटेल में जानतें हैं सब कुछ।
आखिर कहां से आया 'थर्ड वर्ल्ड' शब्द?
फर्स्ट, सेकंड और थर्ड वर्ल्ड का आइडिया कोल्ड वॉर से आया है, जब दुनिया US-अलाइंड वेस्टर्न ब्लॉक और कम्युनिस्ट ईस्टर्न ब्लॉक के बीच बंटी हुई थी। इन दोनों के अलावा ऐसे देश जो न्यूट्रल थे उन्हें 'थर्ड वर्ल्ड' के तौर पर जाना गया। अक्सर गरीब या अविकसित देशों के लिए इस्तेमाल होने वाला यह शब्द अब काफी पुराना हो गया है।
पहले, फर्स्ट वर्ल्ड का मतलब डेमोक्रेटिक, इंडस्ट्रियलाइज़्ड देश थे जो अमेरिका के साथ जुड़े हुए थे। सेकंड वर्ल्ड का मतलब कम्युनिस्ट-सोशलिस्ट देश थे जिनका नेतृत्व मजदूर और किसान करते थे, और थर्ड वर्ल्ड का मतलब ज्यादातर ऐसे देश जो किसी भी ग्रुप में शामिल नहीं थे।
फर्स्ट वर्ल्ड में नॉर्थ अमेरिका, वेस्टर्न यूरोप, जापान, साउथ कोरिया और ऑस्ट्रेलिया शामिल थे। कई अफ्रीकी इलाकों को वेस्टर्न रिश्तों की वजह से इस ग्रुप में शामिल किया गया था।
इसमें स्पेन के अंडर वेस्टर्न सहारा, रंगभेद के दौर का साउथ अफ्रीका और साउथ वेस्ट अफ्रीका (नामीबिया), जबकि अंगोला और मोजाम्बिक 1975 में कम्युनिस्ट बनने तक पुर्तगालियों के कंट्रोल में थे। स्विट्जरलैंड, स्वीडन, ऑस्ट्रिया, आयरलैंड और फिनलैंड जैसे न्यूट्रल देशों को भी असल में फर्स्ट वर्ल्ड माना जाता था।
सेकेंड वर्ल्ड में सोवियत रिपब्लिक और ईस्टर्न यूरोप, जिसमें पोलैंड, ईस्ट जर्मनी, चेकोस्लोवाकिया और बाल्कन शामिल थे। इसमें चीन से जुड़े एशियाई कम्युनिस्ट देश, जैसे मंगोलिया, नॉर्थ कोरिया, वियतनाम, लाओस और कंबोडिया को भी रखा गया था।
थर्ड वर्ल्ड में बाकी सभी देश शामिल थे, जो अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में ज्यादातर खेती-बाड़ी वाले कम विकसित देश थे।
माइग्रेंट्स पर ट्रंप की लगातार सख्ती
ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने 28 नवंबर को कहा कि वह अफगानिस्तान और 18 दूसरे देशों के हर परमानेंट रेजिडेंट या 'ग्रीन कार्ड' होल्डर के इमिग्रेशन स्टेटस की दोबारा जांच करेंगे।
US सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के डायरेक्टर जोसेफ एडलो ने X पर लिखा, '@POTUS के कहने पर मैंने हर चिंता वाले देश के हर एलियन के हर ग्रीन कार्ड की पूरी तरह से सख्ती से दोबारा जांच करने का निर्देश दिया है।'
यहां एडलो के कहने का मतलब उन देशों से है जो ट्रंप के जून 2025 के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में बताए गये थे, जिसमें 19 देशों को आइडेंटिफाइड कंसर्न के तौर पर लिस्ट किया गया था।
कौन-कौन से देश निशाने पर
इस ऑर्डर ने अफगानिस्तान समेत 12 देशों के लगभग सभी नागरिकों की अमेरिका में एंट्री रोक दी। जिन देशों पर पूरा ट्रैवल बैन लगाया गया, वे थे अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो-ब्राजाविल, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन।
ट्रंप ने सात और देशों: बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेज़ुएला के यात्रियों पर कुछ छूट के साथ बैन लगाया था।
वो 44 देश जिसे UN मानता है 'थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज'
फिलहाल अमेरिका ने 19 देशों को 'थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज' के रूप में टारगेट किया है। लकिन UN की लीस्ट डेवलप्ड कंट्रीज (LDC) लिस्ट की माने तो थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज में कुल 44 देश शामिल हैं।
इस लिस्ट में अधिकांश देश अफ्रीका, एशिया, पैसिफिक और कैरेबियन शामिल हैं। अफ्रीका का गोला,जिबूती, इरिट्रिया, इथियोपिया, गाम्बिया, गिनी, गिनी-बिसाऊ, लेसोथो, लाइबेरिया, मेडागास्कर, मलावी, माली, मॉरिटानिया, मोजाम्बिक, नाइजर, रवांडा, सेनेगल, सिएरा लियोन, सोमालिया, साउथ सूडान बेनिन, बुर्किना फासो, बुरुंडी, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चाड, कोमोरोस, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, टोगो, युगांडा, तंजानिया और जाम्बिया थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज में आते हैं।
इस लिस्ट में एशिया के आठ देश शामिल हैं। इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, कंबोडिया, लाओ पीपल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, म्यांमार, नेपाल, तिमोर-लेस्ते, यमन को रखा गया है।
कैरिबियन क्षेत्र में केवल हैती को थर्ड वर्ल्ड कंट्री माना गया है। लिस्ट के अनुसार, पैसिफिक क्षेत्र से थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज में तीन देश- किरिबाती, सोलोमन आइलैंड्स, तुवालु वर्ल्ड कंट्रीज में आते हैं।
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