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US Visa: राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा- अमेरिकी वीजा के लिए भारतीयों के लिए प्रतिक्षा समय हो कम

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से एक आयोग ने सिफारिश की है कि वे भारत जैसे देशों के लोगों को वीजा आवेदन करने में लगने वाले प्रतीक्षा समय को घटाकर अधिकतम दो से चार सप्ताह तक करने के लिए विदेश विभाग को मेमो जारी करने पर विचार करें।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Fri, 09 Dec 2022 03:51 AM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2022 03:51 AM (IST)
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की फाइल फोटो।

वाशिंगटन, जेएनएन। राष्ट्रपति जो बाइडन से एक आयोग ने सिफारिश की है कि वे भारत जैसे देशों के लोगों को वीजा आवेदन करने में लगने वाले प्रतीक्षा समय को घटाकर अधिकतम दो से चार सप्ताह तक करने के लिए विदेश विभाग को मेमो जारी करने पर विचार करें। उल्लेखनीय है गैर-आप्रवासी वीजा, आगंतुक वीजा (बी1/बी2), छात्र वीजा (एफ1/एफ2), और अस्थायी कर्मचारी वीजा (एच, एल, ओ, पी, क्यू) के लिए इन दिनों भारत सहित कई एशियाई देशों में असाधारण रूप से लंबा बैकलाग है।भारत के मामले में यह अब 1,000 से अधिक दिनों को पार कर गया है।

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वीजा अप्वाइंटमेंट के समय में बढ़ती देरी को कम करने पर जोर

अमेरिकी दूतावास ने पहले कहा था कि गैर-आप्रवासी वीजा आवेदकों के लिए प्रतीक्षा समय मार्च 2020 से कार्यबल में कमी और संचालन में कोरोना संबंधी प्रतिबंधों के कारण बढ़ गया है।इस सप्ताह अपनी बैठक के दौरान राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग ने विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में अमेरिकी दूतावासों में वीजा अप्वाइंटमेंट के समय में बढ़ती देरी को कम करने के लिए व्हाइट हाउस से सिफारिशें की हैं।

विदेश विभाग को वर्चुअल इंटरव्यू की अनुमति देनी चाहिए: आयोग

भारतीय अमेरिकी समुदाय के नेता अजय जैन भटुरिया द्वारा प्रेरित, राष्ट्रपति आयोग ने सिफारिश की कि बाइडन को भारत, पाकिस्तान सहित महत्वपूर्ण बैकलाग वाले देशों के लिए वीजा नियुक्ति प्रतीक्षा समय को अधिकतम दो से चार सप्ताह करने के लिए विदेश विभाग को एक मेमो जारी करने पर विचार करना चाहिए। इसने सुझाव दिया कि विदेश विभाग को विदेश में दूतावासों में वीजा प्रोसेसिंग में तेजी लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

आयोग ने कहा कि विदेश विभाग को वर्चुअल इंटरव्यू की अनुमति देनी चाहिए। इसके साथ ही विदेश विभाग को इस काम के लिए नए पूर्णकालिक अधिकारियों, अस्थायी कर्मचारियों और ठेकेदारों को नियुक्त करना चाहिए या एशिया में संबंधित दूतावासों में बैकलाग खत्म करने को सेवानिवृत्त कांसुलर अधिकारियों को वापस लाना चाहिए।

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