यूक्रेन को मिसाइल के साथ मिलेगी खुफिया जानकारी, जानिए रूस को लेकर अमेरिका का प्लान
यूक्रेन युद्ध एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है क्योंकि अमेरिका ने यूक्रेन को 2500 किलोमीटर तक मार करने वाली टॉमहॉक क्रूज मिसाइल देने की घोषणा की है। अमेरिका रूस के ऊर्जा ठिकानों को निशाना बनाने के लिए खुफिया जानकारी भी देगा। ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन को लेकर अपनी नीति बदल दी है अब शांति योजना पर जोर नहीं देंगे।

वाशिंगटन, रायटर। यूक्रेन युद्ध अब नए चरण में पहुंचने वाला है। करीब तीन वर्ष आठ महीने गुजरने के बाद अमेरिका ने अब यूक्रेन को 2,500 किलोमीटर तक मार करने वाली टामहाक क्रूज मिसाइल देने की घोषणा की है। गुरुवार को अमेरिका ने कहा कि यूक्रेन को ऐसी खुफिया सूचनाएं मुहैया कराई जाएंगी, जिनकी मदद से वह रूस के सुदूर स्थित ऊर्जा ठिकानों को निशाना बना सकेगा।
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले शुरू होने के बाद से लेकर अभी तक अमेरिका ने लड़ाई का स्तर बढ़ने न देने की नीयत से यूक्रेनी सेना को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें और लड़ाकू विमान नहीं दिए। जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने युद्ध छिड़ने के कुछ महीने बाद ही इन हथियारों की मांग शुरू कर दी थी।
ट्रंप ने बदली नीति
रूस के अंदरूनी इलाकों की खुफिया रिपोर्ट और सेटेलाइट तस्वीरें यूक्रेन को देने की योजना की मीडिया रिपोर्ट ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को पुष्ट कर दी। इसका मतलब यह हुआ कि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को लेकर अपनी नीति बदल ली है, अब वह शांति योजना पर जोर नहीं देंगे. बल्कि यूक्रेन को लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार और खुफिया जानकारी देकर लड़ाई बढ़ाएंगे।
यूक्रेन की ज्यादा से ज्यादा मदद करें
यूक्रेन और उसके सहयोगी यूरोपीय देश भी यही चाहते हैं। वे क्षेत्र में रूस की चुनौती को हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहते हैं। ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि यूक्रेन युद्ध में अपनी हारी हुई जमीन फिर से प्राप्त कर सकता है। ट्रंप ने यूरोपीय देशों से भी कहा है कि वे यूक्रेन की ज्यादा से ज्यादा मदद करें।
जानिए क्या बोला रूस
अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान को रूस ने वास्तविकता से दूर बताया है। रूस ने कहा है कि अमेरिका के टामहाक मिसाइल देने से युद्ध की स्थिति पर कोई असर नहीं होगा। विदित हो कि 44 महीने के युद्ध में रूस यूक्रेन की 20 प्रतिशत जमीन पर कब्जा कर चुका है। इसी कब्जे वाली जमीन को लेकर दोनों देशों के बीच युद्धविराम नहीं हो पा रहा है।
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