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    अमेरिका में रिकॉर्ड 43 दिनों बाद शटडाउन खत्म, डेमोक्रेट्स को कैसे लगा झटका? 

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 10:30 PM (IST)

    अमेरिका में रिकॉर्ड 43 दिनों का सरकारी शटडाउन समाप्त हो गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अस्थायी वित्त-पोषण विधेयक पर हस्ताक्षर किए। सीनेट ने विधेयक को मंजूरी दी, लेकिन ओबामाकेयर के लिए सब्सिडी की मांग पूरी नहीं हुई। संघीय सेवाएं धीरे-धीरे बहाल होंगी, और कर्मचारियों को वेतन का इंतजार है। ट्रंप ने डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ऐसा दोबारा नहीं होने देंगे।

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    अमेरिका में खत्म हुआ शटडाउन। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में रिकॉर्ड 43 दिनों का सबसे लंबा सरकारी शटडाउन समाप्त हो गया है। संघीय कार्यों के लिए अस्थायी धन मुहैया कराने से संबंधित विधेयक पर बुधवार रात राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर करने के बाद देश के इतिहास में सर्वाधिक लंबा यह शटडाउन समाप्त हुआ।

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    रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए सीनेट ने संबंधित विधेयक को मंजूरी दी। यह डेमोक्रेट्स के लिए एक झटका है क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम - ओबामाकेयर के लिए सब्सिडी बढ़ाने की मांग को स्वीकार नहीं किया गया। बजट पारित होने तक अस्थायी वित्त-पोषण का विधेयक सीनेट में अटका हुआ था क्योंकि बहुमत वाली रिपब्लिकन पार्टी के पास मतदान के लिए आवश्यक 60 वोट नहीं थे।

    धीरे-धीरे बहाल होंगी सेवाएं

    इस बीच, व्हाइट हाउस के बजट कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि संघीय सरकार के फिर से खुलने के कुछ ही घंटों के भीतर पूरक पोषण सहायता कार्यक्रम (स्नैप) के तहत लाभार्थियों के खाते पूरी तरह से बहाल हो जाएंगे। हालात सामान्य होने में अभी कुछ और दिनों का करना होगा इंतजार शटडाउन समाप्त तो हो गया, लेकिन वित्तीय सहायता रोके जाने से प्रभावित कार्यक्रमों और इसके परिणामों से लोगों को उबरने में कुछ समय लगेगा। कुछ संघीय सेवाएं धीरे-धीरे बहाल होंगी।

    कर्मचारियों में वेतन को लेकर चिंता

    हजारों सरकारी कर्मचारी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि उन्हें उनका बकाया वेतन कब मिलेगा। एयरलाइन और आतिथ्य क्षेत्र जैसे उद्योगों को सरकारी खर्च में कमी का असर महसूस हुआ था। उन्हें अपनी स्थिति फिर से पटरी पर लाने के लिए और भी अधिक समय की आवश्यकता हो सकती है। बाकी अर्थव्यवस्था भी कुछ समय तक इसका असर महसूस कर सकती है।

    परिवहन मंत्री बोले, 48 घंटों के भीतर बकाया वेतन का 70 प्रतिशत मिलेगा संघीय कानून के अनुसार, जिन कर्मचारियों का वेतन शटडाउन के दौरान रुका हुआ था, उन्हें पूरा वेतन मिलना जरूरी है। अतीत में, अवैतनिक कर्मचारियों को पिछला वेतन मिलने में लगभग एक हफ्ते का समय लगता था, हालांकि कार्मिक प्रबंधन कार्यालय ने कहा है कि यह एजेंसी के अनुसार अलग-अलग होता है।

    परिवहन मंत्री सीन डफी ने कहा है कि हवाई यातायात नियंत्रकों को शटडाउन समाप्त होने के 24 से 48 घंटों के भीतर उनके बकाया वेतन का 70 प्रतिशत मिल जाएगा, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार के अन्य विभागों के लिए भी यही समय-सारिणी लागू होगी या नहीं।

    एयरलाइन उद्योग के लिए प्रतिबंध के संबंध में क्या है आगे की राह एयरलाइन उद्योग के प्रतिनिधियों का अनुमान है कि शटडाउन के बाद हवाई यात्रा सामान्य होने में लगभग एक सप्ताह का समय लगेगा। लेकिन, इस समय-सारिणी को बनाए रखने के लिए कुछ चीजें होनी जरूरी हैं। परिवहन विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि हवाई यातायात नियंत्रक पर्याप्त संख्या में काम पर लौट रहे हैं ताकि कर्मचारियों की कमी के कारण होने वाली देरी का खतरा कम से कम हो।

    पिछले शुक्रवार से शुरू हुए 40 हवाई अड्डों पर अनिवार्य उड़ान प्रतिबंधों को हटाना होगा। बुधवार रात को जब सीनेट ने शटडाउन को समाप्त करने के लिए विधेयक पर मतदान किया तो डफी ने कहा कि अगली सूचना तक इन हवाई अड्डों पर छह फीसद उड़ानों पर प्रतिबंध जारी रहेगी।

    हम ऐसा दोबारा कभी नहीं होने देंगे : ट्रंप

    रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रंप ने इस स्थिति के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया और सुझाव दिया कि मतदाताओं को अगले साल होने वाले मध्यावधि चुनावों में इस पार्टी को 'पुरस्कृत' नहीं करना चाहिए।

    ट्रंप ने कहा, ''पिछले 43 दिनों से कांग्रेस में डेमोक्रेट्स ने अवैध विदेशियों के लिए अमेरिकी करदाताओं से सैकड़ों अरब डालर की जबरन वसूली करने के प्रयास में अमेरिका की सरकार को ठप कर दिया। आज, हम एक स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि हम जबरन वसूली के आगे कभी नहीं झुकेंगे। मैं अमेरिकी लोगों से बस इतना कहना चाहता हूं कि आपको यह नहीं भूलना चाहिए। जब हम मध्यावधि चुनावों और अन्य मुद्दों पर आते हैं तो यह मत भूलिए कि उन्होंने (डेमोक्रेट्स) हमारे देश के साथ क्या किया है। हम ऐसा दोबारा कभी नहीं होने देंगे। देश चलाने का यह कोई तरीका नहीं है।''

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