US News: ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे जो बाइडन; अमेरिकी राजदूत बोले- दुनिया में भारत ज्यादा शुल्क वाली अर्थव्यवस्था
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अगले महीने डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। ट्रंप पर निशाना साधते हुए बाइडन ने कहा कि एकमात्र राष्ट्रपति जो अपने उत्तराधिकारी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। वहीं अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने गुरुवार को कहा कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा शुल्क वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है।

रॉयटर, वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अगले महीने डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। हालांकि व्हाइट हाउस ने कहा था कि बाइडन शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे, लेकिन बाइडन ने पहली बार इसकी पुष्टि की है।
बाइडन ने गुरुवार को साक्षात्कार में कहा, बेशक मैं 20 जनवरी को सत्ता हस्तांतरण में शामिल हूं। ट्रंप पर निशाना साधते हुए बाइडन ने कहा कि एकमात्र राष्ट्रपति जो अपने उत्तराधिकारी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए वह वही व्यक्ति है जिसका शपथग्रहण होने वाला है।
2021 में अराजकता जैसे हालात बन गए थे
गौरतलब है कि जब बाइडन ने 2021 में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी तो शपथ ग्रहण समारोह में ट्रंप शामिल नहीं हुए थे। ट्रंप ने तीन नवंबर, 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन से अपनी हार को कभी स्वीकार नहीं किया। उनका दावा है कि इस चुनाव में धोखाधड़ी की गई। इस कारण 2021 में सत्ता का हस्तांतरण सुगम तरीके से नहीं हो सका था। ट्रंप समर्थकों ने विरोध किया था। अराजकता जैसे हालात बन गए थे।
दुनिया में भारत ज्यादा शुल्क वाली अर्थव्यवस्था: अमेरिकी राजदूत
अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने गुरुवार को कहा कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा शुल्क वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। भारत और अमेरिका को व्यापार को निष्पक्ष और समान बनाने के उद्देश्य से शुल्क कम करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। इससे पहले मंगलवार को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत, अमेरिका के कुछ उत्पादों पर बहुत ज्यादा शुल्क लगाता है।
उन्होंने इसके जवाब में भारतीय उत्पादों पर इसी तरह ज्यादा शुल्क लगाने की चेतावनी दोहराई थी।भारत में अमेरिका के राजदूत गार्सेटी ने अमेरिका-भारत व्यापार परिषद के एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे दोनों देश करीब आ रहे हैं, वे एक-दूसरे के साथ ज्यादा स्पष्ट हो रहे हैं।
हमें शुल्क कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए
उन्होंने कहा, 'हमें शुल्क कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। हमें व्यापार बढ़ाने और इसे अधिक निष्पक्ष और समान बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि प्रशिक्षण और प्रतिभा ऐसी हो जो हिंद-प्रशांत के दोनों ओर की कंपनियों की जरूरतों को पूरा करे।'
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