अमेरिकी सेना में लागू होंगे कड़े नियम-कायदे, ट्रंप के मंत्री बोले- 'मोटे जनरल और एडमिरल नहीं चलेंगे'
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सेना में बड़े बदलावों का रोडमैप पेश किया है। उन्होंने कहा कि सेना में महिला और पुरुष दोनों के लिए एक समान शारीरिक फिटनेस मानक होंगे। पदोन्नति योग्यता के आधार पर होगी। हेगसेथ ने पेंटागन में ज्यादा वजन वाले सैनिकों की आलोचना की और कहा कि मोटे जनरल स्वीकार्य नहीं होंगे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने मंगलवार को वर्जीनिया में अचानक बुलाई सैकड़ों सैन्य अधिकारियों की बैठक में सेना में आमूलचूल बदलाव का रोडमैप पेश किया। उन्होंने कहा कि सेना में महिला हों या पुरुष, सभी के लिए शारीरिक फिटनेस के लिंग-तटस्थ पुरुष स्तरीय मानदंड लागू होंगे।
साथ ही सेना में लंबे समय से चल रही अत्यधिक संवेदनशील नेतृत्व संस्कृति को भी समाप्त किया जाएगा। पदोन्नति केवल योग्यता और क्षमता के आधार पर होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि जो अधिकारी इन नए नियमों से सहमत नहीं हैं, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में मूर्ख और लापरवाह राजनीतिक नेताओं ने गलत दिशा निर्धारित कर दी और हम अपना रास्ता भटक गए।
'मोटे जनरल और एडमिरल स्वीकार्य नहीं'
उन्होंने कहा कि पेंटागन में भेदभाव की शिकायतों से निपटने के तरीके और गलत कामों के आरोपों की जांच के तरीके में व्यापक बदलाव किया जाएगा। हेगसेथ ने बैठक में शामिल ज्यादा वजन वाले सैनिकों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पेंटागन में मोटे जनरलों और एडमिरल को देखना अब स्वीकार्य नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि फिटनेस टेस्ट केवल पुरुषों के मानकों पर आधारित होंगे। उन्होंने कहा कि सैनिक देखने में भी सुगठित होने चाहिए। दाढ़ी वाले सैनिक नहीं दिखने चाहिए। अमेरिकी मीडिया का मानना है कि हेगसेथ का यह कदम राष्ट्रपति ट्रंप की रणनीति का हिस्सा है, जो सेना में पारंपरिक और कठोर नेतृत्व को बढ़ावा देना चाहते हैं।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इससे सेना में पदोन्नति और निर्णय प्रक्रिया में बदलाव आएगा और नेतृत्व की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ेगा। माना जा रहा है कि नए नियम और मानक लागू होने के बाद सैनिकों और अधिकारियों के बीच प्रतिक्रिया विविध हो सकती है। कुछ अधिकारी इसे सकारात्मक बदलाव मानेंगे, जबकि अन्य इसे विवादास्पद और कठोर मान सकते हैं। इसके साथ ही, सेना की नेतृत्व शैली और प्रशिक्षण के ढांचे में लंबी अवधि में बदलाव की संभावना बनी हुई है।
ट्रंप ने फिर गाया नोबेल राग
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक दुनियाभर में तैनात अमेरिकी सैन्य अधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया और उनके सामने फिर दोहराया कि अपने कार्यकाल के नौ महीनों में उन्होंने दुनियाभर के सात सशस्त्र संघर्षों को रुकवाया और इसके लिए वे शांति के नोबेल पुरस्कार के हकदार हैं।
उन्होंने कहा कि गाजा संघर्ष का भी समाधान उन्होंने तलाश लिया है और जल्द ही क्षेत्र में शांति बहाल कर दी जाएगी। रूस यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप ने कहा कि संघर्ष खत्म करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की का एकसाथ चर्चा करना जरूरी है।
(न्यूज एजेंसी एपी के इनपुट के साथ)
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