'मुझे नोबेल पुरस्कार नहीं, गाजा में शांति चाहिए...', डोनल्ड ट्रंप का बड़ा बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को अपना पसंदीदा शब्द बताते हुए कहा कि इससे अमेरिका अमीर बन रहा है। उन्होंने भारत और ब्राजील पर 50% तक टैरिफ लगाने की बात कही जिसमें रूस से तेल खरीदने की सजा भी शामिल है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता अधर में है क्योंकि अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें टैरिफ शब्द से बहुत प्यार है और यह अंग्रेजी भाषा का उनका सबसे पसंदीदा शब्द है। उन्होंने दावा किया कि टैरिफ से अमेरिका बहुत अमीर बन रहा है और अब तक खरबों डॉलर देश में आए हैं।
टैरिफ यानी आयात पर लगने वाला टैक्स, पिछले कई महीनों से अमेरिका और भारत के बीच तनाव की वजह भी बना हुआ है। अमेरिका ने अगस्त से भारत और ब्राजील जैसे देशों पर 50% तक टैरिफ लगा दिया है। इसमें से आधा हिस्सा रूस से तेल खरीदने की सजा बताया जा रहा है। ट्रंप ने यहां तक कहा कि भारत और चीन रूस के युद्ध को फंड कर रहे हैं।
क्यों लगाया टैरिफ?
ट्रंप ने एक कार्यक्रम में कहा, "दूसरे देश हमें सालों से बेवकूफ बना रहे थे। अब हम उन्हें बराबरी से ट्रीट कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी टैरिफ नीति से अमेरिका अमीर हो रहा है और खरबों डॉलर देश में आए हैं।
हालांकि, इस पर कानूनी विवाद भी है। एक निचली अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति को एकतरफा टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं है, यह अधिकार केवल अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के पास है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है। ट्रंप को विश्वास है कि सर्वोच्च अदालत भी उनके पक्ष में फैसला देगी।
अधर में भारत-अमेरिका व्यापार समझौता
भारत और अमेरिका के बीच इस साल अप्रैल से व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली। अमेरिका की शर्त है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करे और अमेरिकी सामान के लिए अपने बाजार खोल दे।
भारत ने साफ कहा है कि रूस से तेल खरीदना उसका अधिकार है और यह उसका घरेलू निर्णय है। साथ ही, बारत का कहना है कि अमेरिकी कृषि और डेयरी उत्पादों को अपने बाजार में खुला प्रवेश नहीं देगा क्योंकि यह भारत के किसानों के लिए नुकसानदायक होगा।
ट्रंप ने मजाक में कहा कि जब उन्होंने टैरिफ को सबसे प्यारा शब्द बताया तो मीडिया ने उनसे पूछा कि प्यार, भगवान, धर्म और परिवार जैसे शब्दों का क्या होगा। उन्होंने कहा, "मुझे आलोचना झेलनी पड़ी। इसलिए मैंने इसे अब पांचवां पसंदीदा शब्द बना दिया है।"
भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए ट्रंप के टैरिफ का आकलन अभी जल्दबाजी
भारतीय फिल्म निर्माता और वितरक कहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश में निर्मित फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा के सटीक प्रभाव का आकलन करना अभी बहुत जल्दी है, लेकिन यदि यह अमेरिका में रिलीज होने वाली भारतीय फिल्मों पर लागू होता है, तो टिकट की कीमतें बढ़ जाएंगी।
ट्रंप ने सोमवार को मई में की गई अपनी टिप्पणियों को दोहराते हुए घोषणा की कि वह 'अमेरिका के बाहर निर्मित' किसी भी और सभी फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे। इस घोषणा पर प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष शिबासिश सरकार ने कहा कि वह इस मामले पर इंतजार कर देखना चाहते हैं क्योंकि फिल्मों पर टैरिफ कैसे लागू होगा, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।
भारतीय फिल्मों पर पड़ेगा प्रभाव
हालांकि, यदि टैरिफ सभी फिल्मों पर लागू होता है तो अमेरिकी बाजार में रिलीज हो रही भारतीय फिल्मों पर प्रभाव पड़ सकता है। विदेशी बाजारों में अमेरिका बड़ा है, लेकिन यह हिंदी फिल्मों के लिए कुल राजस्व का केवल 6 से 7 प्रतिशत है।
प्रमुख वितरक राजेश थडानी ने भी कहा कि ट्रंप के प्रस्तावित टैरिफ के बारे में ज्यादा स्पष्टता नहीं है। प्रदर्शक-वितरक अक्षय राठी ने कहा कि उत्तरी अमेरिका भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है, विशेष रूप से तेलुगु फिल्मों के लिए। टिप्स फिल्म्स के रमेश तोरानी ने ट्रंप के कई बयानों में अनिश्चितता और स्पष्टता की कमी को उजागर किया।
ट्रंप का सख्त लहजा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को सख्त और सख्त अंदाज में कहा कि अगर उन्हें कोई सैन्य अधिकारी पसंद नहीं आया, तो वह उसे तुरंत बर्खास्त कर देंगे। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मैं जनरल्स, एडमिरल्स और नेताओं से मिलने जा रहा हूं और अगर मुझे कोई पसंद नहीं आया तो उसे उसी समय हटा दूंगा।"
कहां होगी सेना की तैनाती?
ट्रंप ने चेतावनी दी कि सेना को कई डेमोक्रेटिक पार्टी शासित शहरों में उनके कठोर कदमों का हिस्सा बनना होगा। उन्होंने कहा, "हम इन शहरों को एक-एक करके सुधारेंगे। यह भी एक युद्ध है, भीतर से युद्ध।"
ट्रंप ने अधिकारियों से कहा कि अमेरिकी सैनिकों को 'खतरनाक' शहरों को प्रशिक्षण स्थल की तरह इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत क्विक रिएक्शन फोर्स बनाई जाएगी, ताकि किसी भी नागरिक अशांति को तुरंत दबाया जा सके।
'फिटनेस और अनुशासन जरूरी'
इस बैठक के दौरान पेंटागन प्रमुख पीट हेगसेथ ने भी सेना में 'वोक नीतियों' की आलोचना की और कहा कि अब दशकों की कमजोरी को खत्म करना होगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को फिट रहने, बाल छोटे रखने और दाढ़ी साफ करने का आदेश दिया।
हेगसेथ ने निर्देश दिया कि सभी सैन्य अधिकारियों को साल में दो बार फिटनेस टेस्ट देना होगा। उन्होंने कहा, "पेंटागन में मोटे जनरल और एडमिरल दिखना पूरी तरह अस्वीकार्य है।" उन्होंने मजाकिया लेकिन कड़े अंदाज में कहा, "अगर दाढ़ी चाहिए तो स्पेशल फोर्स में जाइए, वरना शेव कीजिए। हमारी सेना नॉर्डिक पैगन्स का क्लब नहीं है।"
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