'हमें और भी काम हैं...', अमेरिका ने वैश्विक आपदा सहायता से मुंह मोड़ा; भारत-चीन को बताया अमीर देश
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत और चीन को धनी देश बताते हुए कहा कि वैश्विक आपदाओं में इन्हें आगे बढ़कर सहायता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल अमेरिका से 60-70% मानवीय सहायता की अपेक्षा करना उचित नहीं है। वहीं म्यांमार में भूकंप के बाद भारत ने तुरंत राहत सामग्री और विशेषज्ञ दल भेजकर मदद पहुंचाई। भारत अब तक कई खेपों में 32 टन से अधिक सामग्री भेज चुका।
पीटीआई, न्यूयॉर्क। अमेरिका भारत और चीन को धनी देश मानता है। यह बात अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के ब्रसेल्स में दिए वक्तव्य में सामने आई। म्यांमार में आए भूकंप में मानवीय सहायता भेजने के सवाल पर रूबियो ने कहा कि चीन बहुत धनी और भारत धनी देश हैं, इन देशों की जिम्मेदारी बनती है कि वे आपदा के समय पीड़ित देशों की मदद करें। अमेरिका से विश्व में 60-70 प्रतिशत मानवीय सहायता देने की अपेक्षा करना गलत है। विश्व में बहुत से अमीर देश हैं उन्हें भी आगे बढ़कर मदद करनी चाहिए।
"अमेरिका की राष्ट्रहित में अन्य प्राथमिकताएं हैं, हम उन्हें सही तरीके से संतुलित करने में लगे हुए हैं।" मार्को रूबियो, विदेश मंत्री, अमेरिका
मालूम हो कि 28 मार्च को म्यांमार में भूकंप आने के कुछ घंटे बाद ही भारत ने 15 टन मानवीय सहायता की पहली खेप भेजी थी। इसमें दवाएं, खाद्य सामग्री, टेंट, कंबल इत्यादि थे। दूसरी खेप में सामग्री के साथ ही बचाव और राहत उपायों के 80 विशेषज्ञों का दल भी उपकरणों के साथ भेजा गया। भारत ने अन्य खेपों में 17 टन राहत सामग्री और भेजी है।
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