Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ट्रंप टैरिफ से खतरे में पड़ सकती है भारत से 25 साल की साझेदारी, पूर्व अमेरिकी राजनयिकों की चेतावनी

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 08:14 PM (IST)

    एक डेमोक्रेट सांसद और पूर्व अमेरिकी राजनयिकों ने राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों से अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को खतरे में बताया है। सांसद रो खन्ना द्वारा आयोजित सम्मेलन में पूर्व राजदूतों रिचर्ड वर्मा और एरिक गार्सेटी ने भी चिंता व्यक्त की। वर्मा ने कहा कि ट्रंप ने 25 वर्षों की प्रगति को खत्म कर दिया है। गार्सेटी ने व्यापार समझौतों पर सामरिक असहमतियों से अधिक बुनियादी बदलाव की चेतावनी दी।

    Hero Image
    ट्रंप टैरिफ से खतरे में पड़ सकती है भारत से 25 साल की साझेदारी (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक प्रमुख डेमोक्रेट सांसद और कई पूर्व अमेरिकी राजनयिकों ने चेतावनी दी है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों और गलत कूटनीतिक कदमों से 25 वर्षों में सावधानीपूर्वक बनाई गई अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी खतरे में पड़ सकती है। सांसदों के इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष और राष्ट्रपति ट्रंप के मुखर आलोचक व सांसद रो खन्ना द्वारा आयोजित एक आपात सम्मेलन में यह चेतावनी दी गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस सम्मेलन में भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा और एरिक गार्सेटी के साथ-साथ वेंचर कैपिटलिस्ट विनोद खोसला और भारतीय समुदाय से संबंधित तकनीकी उद्योग के अन्य प्रमुख लोग शामिल थे। खन्ना ने समय की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि अगर यह जरूरी नहीं होता तो वह इस कान्फ्रेंस का आयोजन नहीं करते। वह वर्तमान घटनाक्रम के बारे में चेतावनी देना चाहते हैं।

    ट्रंप ने 25 सालों की प्रगति को खत्म कर दिया- रिचर्ड वर्मा

    राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में भारत में अमेरिकी राजदूत रहे रिचर्ड वर्मा ने संबंधों की वर्तमान स्थिति का आकलन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि दो महीने में राष्ट्रपति ने 24-25 वर्षों में हुई प्रगति को खत्म कर दिया। वर्मा ने कहा कि इस संबंध की शुरुआत राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की वर्ष 2000 में ऐतिहासिक भारत यात्रा से हुई थी, जब अमेरिका ने अपनी भारत-पाकिस्तान नीति से ''अलग'' हटकर भारत के साथ स्वतंत्र साझेदारी का रास्ता चुना था।

    मुनीर को ओवल ऑफिस बुलाने पर जताई चिंता

    पूर्व राजदूत ने अमेरिकी इतिहास में पहली बार पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष को ओवल आफिस में आमंत्रित करने के ट्रंप के फैसले पर विशेष चिंता व्यक्त की। दोनों पूर्व राजदूतों ने विश्वास को रिश्ते की सबसे बड़ी कमजोरी बताया। वर्मा ने कहा कि पिछले कुछ महीनों ने साबित कर दिया है कि अमेरिका पर भरोसा नहीं किया जा सकता। हाल तक भारत में राजदूत रहे एरिक गार्सेटी ने 20 से अधिक वर्षों में लगे सबसे गहरे झटकों की चेतावनी दी। साथ ही कहा कि हाल की घटनाएं व्यापार समझौतों पर सामरिक असहमतियों से कहीं अधिक ऐसा बुनियादी बदलाव है जिसका असर भारत में रातों-रात खत्म नहीं होगा।

    गार्सेटी ने रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक सांसदों से जुड़ने का आग्रह किया

    गार्सेटी ने पारंपरिक द्विदलीय भारत नीति को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्होंने वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज के साथ पहले काम किया था, जब खन्ना और वाल्ट्ज दोनों इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे, लेकिन यह नीति अब दबाव में है। समूह ने कारोबारी एवं तकनीकी समुदाय के लिए विशिष्ट कार्यों का उल्लेख किया और उनसे रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के सांसदों से जुड़ने का आग्रह किया।

    खन्ना ने खासकर रिपब्लिकन सांसदों पर संबंधों के रणनीतिक महत्व के बारे में दबाव बनाने और डेमोक्रेट्स से इंटरनेट मीडिया पर अधिक सक्रिय होने का आह्वान किया। यह कूटनीतिक संकट ऐसे समय में आया है जब दोनों देश चीन के उदय और महत्वपूर्ण तकनीकों, आपूर्ति श्रृंखलाओं और ऊर्जा उत्पादन पर सहयोग की आवश्यकता से जुड़ी साझा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

    भारत-अमेरिका एक ही पथ, एक ही राह पर- गार्सेटी

    गार्सेटी ने कहा कि भारत-अमेरिका एक ही पथ, एक ही राह पर हैं, जिस कारण मौजूदा तनाव दीर्घकालिक रणनीतिक हितों के लिए चिंताजनक हो गया है। पूर्व राजदूतों ने कुछ क्षेत्रों से उभर रही भारत-विरोधी बयानबाजी पर भी चिंता जताई। गार्सेटी ने भारत और भारतीय-अमेरिकियों, दोनों को निशाना बनाकर नस्लवादी बयानों और राष्ट्रविरोधी संदेशों के बारे में चेताया।

    (समाचार एजेंसी एएनआइ के इनपुट के साथ)

    यह भी पढ़ें- 'पूरा अमेरिका भर चुका है', ट्रंप के साथी चार्ली किर्क का भारतीयों पर दिया बयान हुआ वायरल