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    अमेरिका का बदला-बदला रुख, जयशंकर से मुलाकात के बाद मार्को रुबियो ने भारत से रिश्ते को बताया महत्वपूर्ण

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 11:30 PM (IST)

    अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात में भारत-अमेरिका संबंधों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने व्यापार रक्षा ऊर्जा और फार्मास्यूटिकल्स जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर भारत की भागीदारी की सराहना की। दोनों नेता क्वाड के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने पर सहमत हुए। जयशंकर ने कहा कि बातचीत में कई द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई।

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    जयशंकर से मुलाकात के बाद मार्को रुबियो ने भारत से रिश्ते को बताया महत्वपूर्ण (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री एस.जयशंकर से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत के साथ संबंध अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने व्यापार, रक्षा और ऊर्जा सहित द्विपक्षीय मुद्दों पर नई दिल्ली की निरंतर भागीदारी की सराहना भी की।

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    उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय 80वें सत्र के इतर सोमवार सुबह यहां जयशंकर से मुलाकात की। विदेश विभाग द्वारा बैठक के विवरण में कहा गया है कि रुबियो ने दोहराया कि भारत के साथ संबंध अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और उन्होंने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, महत्वपूर्ण खनिजों तथा द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित अन्य मुद्दों सहित अनेक मुद्दों पर भारत सरकार की निरंतर भागीदारी के लिए सराहना व्यक्त की।

    भारत-अमेरिका के रिश्ते

    बयान में कहा गया कि है कि रुबियो और जयशंकर इस बात पर सहमत हुए कि अमेरिका और भारत क्वाड के माध्यम से एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। जयशंकर ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि न्यूयॉर्क में रुबियो से मिलकर अच्छा लगा।

    जयशंकर ने सोशल मीडिया पर कहा कि हमारी बातचीत में वर्तमान चिंता के कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर जुड़ाव के महत्व पर सहमति बनी। हम संपर्क में बने रहेंगे। रुबियो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा उन्होंने जयशंकर के साथ द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की, जिनमें व्यापार, ऊर्जा, दवाइयां, महत्त्वपूर्ण खनिज और अन्य विषय शामिल हैं, ताकि भारत और अमेरिका के लिए समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।