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    CBI और दिल्ली पुलिस की मुरीद हुई FBI, ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के पर्दाफाश में मदद के लिए जताया आभार

    अमेरिकी एफबीआई सीबीआइ और दिल्ली पुलिस की मुरीद हो गई है। उसने हजारों अमेरिकी नागरिकों खासकर बुजुर्गों से ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के पर्दाफाश में मदद के लिए दोनों को धन्यवाद दिया है। इस गिरोह ने करोड़ों रुपये की ठगी की है।

    By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sat, 17 Dec 2022 06:56 PM (IST)
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    FBI ने सीबीआइ और दिल्ली पुलिस की सराहना की

    वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो यानी एफबीआइ ने 10 वर्षों के दौरान अपने देश के हजारों नागरिकों, खासकर बुजुर्गों से तकनीकी मदद के नाम पर लाखों डालर की ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के पर्दाफाश में मदद के लिए भारतीय कानून-प्रवर्तन एजेंसियों सीबीआइ और दिल्ली पुलिस का आभार जताया है।

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    तीसरा आरोपी फरार

    सीबीआइ और दिल्ली पुलिस ने इस हफ्ते नई दिल्ली के हर्षद मदान (34) व फरीदाबाद निवासी विकास गुप्ता (33) को गिरफ्तार किया है। दिल्ली निवासी तीसरा आरोपी गगन लांबा (41) फरार है। हालांकि, उसके भाई जतिन लांबा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। 

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    सीबीआई और दिल्ली पुलिस की तारीफ

    अमेरिका के अटार्नी फिलप आर सेलिंगर ने बयान जारी कर ठग गिरोह के पर्दाफाश में मदद के लिए सीबीआइ व दिल्ली पुलिस की तारीफ की और धन्यवाद दिया। भारतीय-अमेरिकी मेघना कुमार (50) ने इसी हफ्ते आरोप स्वीकार किए हैं। ओंटारियो निवासी जयंत भाटिया (33) कनाडा में गिरफ्तार हो चुका है। न्यूयार्क के रिचमंड हिल निवासी कुलविंदर सिंह (34) पर मनी लांड्रिंग व गैरकानूनी गतिविधि से प्राप्त संपत्ति से जुड़े लेन-देन में शामिल होने की साजिश रचने का आरोप है।

    संघीय अभियोजकों ने बताया कि आरोपित पीडि़तों को विश्वास दिलाते थे कि उनके कंप्यूटर में मालवेयर या वायरस का हमला हुआ है। इसके बाद, वे फर्जी कंप्यूटर मरम्मत सेवाओं के लिए उन्हें सैकड़ों या हजारों डालर का भुगतान करने के लिए राजी करते थे। इस तरह आरोपितों ने कम से कम 20,000 पीडि़तों से एक करोड़ डालर से अधिक वसूले।

    भारतीय-अमेरिकी लैब मालिक मेडिकेयर घोटाले में दोषी करार

    अटलांटा में भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक मीनल पटेल को मेडिकेयर स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम से धोखाधड़ी कर आनुवंशिक जांच के 44.75 करोड़ डालर के घोटाले में दोषी ठहराया गया है। संघीय अभियोजकों ने बताया कि लैबसाल्यूशंस एलएलसी की मालिक मीनल ने मरीजों के ब्रोकर, टेलीमेडिसिन कंपनियों व काल सेंटरों के साथ साजिश रच कर मेडिकेयर बीमा के लाभार्थियों को फोन करके झूठ बोला कि वे अपने बीमा के तहत कैंसर की महंगी आनुवंशिक जांच भी करा सकते हैं।

    जब लाभार्थी जांच कराने के लिए तैयार हो जाते, तो पटेल इसकी मंजूरी देने वाले डाक्टर के हस्ताक्षर वाले पर्चे हासिल करने के लिए मरीजों के ब्रोकर को रिश्वत देती थी। मीनल को सात मार्च, 2023 को सजा सुनाई जाएगी। उसे अधिकतम 20 वर्ष की जेल हो सकती है।

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