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    US Elections 2024: निक्की हेली ने भारत के लिए कह दी बड़ी बात, सत्ता में आई तो नाटो के साथ ही इंडिया...

    US Elections संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं 52 वर्षीय हेली ने कहा कि अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं तो यह 75 साल के नाटो गठबंधन के लिए खतरा होगा। एबीसी न्यूज से बातचीत में हेली ने कहा कि मैं ट्रंप को लेकर कई अन्य बातों के साथ इसे भी लेकर चिंतित हूं। रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के लिए वह ट्रंप के सामने इकलौती दावेदार बची हैं।

    By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Mon, 19 Feb 2024 04:59 PM (IST)
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    US Elections 2024: निक्की हेली ने भारत के लिए कह दी बड़ी बात (Photo Jagran)

    पीटीआई, वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की प्रत्याशी बनने की दौड़ में शामिल भारतवंशी निक्की हेली ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आती हैं तो उनका प्रशासन न केवल नाटो के साथ बल्कि भारत, आस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपींस जैसे देशों के साथ भी संबंधों को मजबूत करेगा। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाटो को लेकर दिए पिछले दिनों दिए बयान पर चिंता जताते हुए यह बात कही।

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    ट्रंप नाटो गठबंधन के लिए खतरा

    संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं 52 वर्षीय हेली ने कहा कि अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं तो यह 75 साल के नाटो गठबंधन के लिए खतरा होगा। एबीसी न्यूज से बातचीत में हेली ने कहा कि मैं ट्रंप को लेकर कई अन्य बातों के साथ इसे भी लेकर चिंतित हूं। रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के लिए वह ट्रंप के सामने इकलौती दावेदार बची हैं।

    रूसी हमले की धमकी

    ट्रंप ने पिछले दिनों कहा था कि अगर मैं राष्ट्रपति बना तो जो नाटो सदस्य अपना रक्षा भुगतान नहीं कर रहे हैं, उन पर रूस हमला करेगा तो उसके साथ नहीं खड़े होंगे। इसके साथ ही हेली ने चीन के स्वामित्व वाले टिकटाक एप को लेकर कहा जब भारत और नेपाल जैसे देश इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा सकते हैं तो अमेरिका ऐसा करने वाला आखिरी देश नहीं होगा।

    अमेरिका में अश्विन जेन-जेड के पहले सदस्य जो लड़ रहे सीनेट चुनाव:

    भारतवंशी अश्विन रामास्वामी जेन-जेड के पहले सदस्य हैं जो अमेरिका के राज्य या संघीय विधायिका का चुनाव लड़ रहा है। वह डेमोक्रेटिक पार्टी से जार्जिया के स्टेट सीनेट का चुनाव लड़ रहे हैं।

    जेन-जेड यानी जनरेशन जेड (इसे जूमर के नाम से भी जाना जाता है), अमेरिका में 1997 से 1912 के बीच पैदा हुए लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है।

    24 वर्षीय अश्विन ने बताया कि उनके माता-पिता 1990 में तमिलनाडु से अमेरिका आ गए थे। कंप्यूटर साइंस से स्नातक अश्विन कई स्टार्टअप के साथ काम कर चुके हैं। वह 2020 से चुनाव सुरक्षा और साइबर सुरक्षा को लेकर संघीय सरकार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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