US Election 2024: ट्रंप या कमला हैरिस? किसकी जीत से भारत को मिलेगा ज्यादा फायदा
US Election 2024 अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार के रूप में डोनाल्ड ट्रंप तो डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर कमला हैरिस चुनाव मैदान में है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने अमेरिका के बाजार में 77.5 अरब डालर के वस्तुओं का निर्यात किया जबकि अमेरिका से भारत ने इस अवधि में 42.2 अरब डॉलर का आयात किया था।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े ट्रेड पार्टनर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर पूरे व्यापार जगत की गहरी नजर है।
भारत सबसे अधिक निर्यात अमेरिका के बाजार में करता है और यह निर्यात लगातार बढ़ रहा है। स्मार्टफोन से लेकर फार्मा तक का सबसे बड़ा खरीदार अमेरिका है। ऐसे में अमेरिकी नीति में किसी भी प्रकार का बदलाव भारत के वस्तु निर्यात के साथ सेवा निर्यात को प्रभावित कर सकता है।
सेवा निर्यात में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी आईटी सेक्टर की है और सबसे अधिक आईटी सेवा निर्यात भी अमेरिका में ही भारत करता है। दोनों देशों के बीच पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में वस्तु व सेवा सेक्टर को मिलाकर 190 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार किया गया।
भारत के लिए कौन नेता फायदेमंद?
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार के रूप में डोनाल्ड ट्रंप तो डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर कमला हैरिस चुनाव मैदान में है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने अमेरिका के बाजार में 77.5 अरब डालर के वस्तुओं का निर्यात किया जबकि अमेरिका से भारत ने इस अवधि में 42.2 अरब डॉलर का आयात किया था।
चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले छह माह (अप्रैल-सितंबर) में अमेरिका के बाजार में 40.38 अरब डॉलर का निर्यात किया जा चुका है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लिए ट्रंप की जगह हैरिस का चुनाव में जीतना अधिक फायदेमंद रहेगा।
जब भारत से वापस लिया गया था मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा
ट्रंप ने अपने पिछले शासनकाल में भारत से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिया था और भारतीय वस्तुओं शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की थी। हालांकि ट्रंप के शासनकाल के आखिरी समय में अमेरिका के साथ मिनी व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर कमोबेश पूरी सहमति बन गई थी,लेकिन सत्ता परिवर्तन से उसे अंजाम नहीं दिया जा सका।
जीटीआरआई के संस्थापक और पूर्व व्यापार सेवा अधिकारी अजय श्रीवास्तव के मुताबिक ट्रंप अमेरिका पहले (अमेरिका फर्स्ट) की नीति का समर्थक है और इसके तहत वह भारतीय वस्तुओं के निर्यात पर लगने वाले शुल्क को बढ़ा सकता है जिससे ऑटोमोबाइल्स, वाइन, टेक्सटाइल, फार्मा जैसी वस्तुओं का निर्यात प्रभावित होगा। ट्रंप एच-1बी वीजा नियमों को भी सख्त कर सकता है जिससे हमारे आईटी निर्यात पर असर दिख सकता है।
वीजा नियम को लेकर भी नरम रुख अपना सकती हैं कमला हैरिस
दूसरी तरफ हैरिस के सत्ता में आने पर अमेरिका चीन के साथ और अधिक सख्ती बरतने के साथ भारत के साथ व्यापारिक शुल्क में नरम रुख रखेगा जिससे भारत को फायदा मिल सकता है। हैरिस प्रशासन वीजा नियम को लेकर भी नरम रुख रखेगा जिससे भारत का आईटी निर्यात भी पहले की तरह जारी रहेगा।
हालांकि ट्रंप या हैरिस दोनों की तरफ से अमेरिकी मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहित किए जाने की संभावना है और दोनों ही मैन्यूफैक्चरिंग के लिए सब्सिडी को बढ़ा सकते हैं जो कुछ हद तक भारत के मेक इन इंडिया कार्यक्रम पर असर डाल सकता है। ट्रंप भारत पर रक्षा संबंधी आइटम खरीदने के लिए जोर डाल सकता है जबकि हैरिस पहले की तरह नरम रुख जारी सकती है।
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