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    ट्रंप प्रशासन को US फेडरल कोर्ट से बड़ा झटका, पोर्टलैंड में सैनिकों की तैनाती पर लगाई रोक

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 08:53 AM (IST)

    US फेडरल कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को झटका देते हुए 200 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनानी पर रोक लगा दी है। US फेडरल कोर्ट का कहना है कि पोर्टलैंड में विरोध प्रदर्शन विद्रोह नहीं हैं और कानून-व्यवस्था में बाधा नहीं हैं। जज करिन इमरगुट ने कहा कि प्रशासन ने कोई सबूत नहीं दिया जिससे साबित हो कि प्रदर्शन विद्रोह हैं।

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    पोर्टलैंड में ट्रंप द्वारा की जा रही नेशनल गार्ड की तैनाती को अदालत ने रोका (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी संघीय न्यायालय राष्ट्रपति डोनलड ट्रंप को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने 200 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनानी पर स्थायी रोक लगा दी है। संघीय न्यायालय का कहना है कि हाल के दिनों में हुए विरोध प्रदर्शनों को ‘विद्रोह’ नहीं कहा जा सकता और यह विरोध कानून-व्यवस्था में गंभीर बाधा नहीं बनती।

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    दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ओरेगन के पोर्टलैंड शहर में 200 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया था। लेकिन संघीय जज ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को पोर्टलैंड शहर में 200 ओरेगन नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। संघीय न्यायालय द्वारा यह रोक 18 अक्टूबर तक के लिए लगाया गया है।

    जानिए क्या बोला जज?

    पोर्टलैंड में अमेरिकी जिला जज करिन इमरगुट ने यह फैसला सुनाया है। उन्होंने नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती पर रोक लगाते हुए कहा कि प्रशासन ने ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया, जिससे यह साबित हो सके कि पोर्टलैंड में विरोध प्रदर्शन किसी "विद्रोह" के स्तर तक पहुंचे हों या उन्होंने कानून व्यवस्था में गंभीर बाधा बन रही हो। साथ ही यह भी दावा किया गया है कि ट्रम्प की तैनाती राज्य के अधिकारों का उल्लंघन करती है।

    ट्रंप के लिए बड़ा झटका

    पोर्टलैंड में अमेरिकी जिला जज करिन इमरगुट का फैसला यह फैसला ट्रम्प के लिए एक झटका है क्योंकि वह उन शहरों में सेना भेजना चाहते हैं। जिन्हें वह अपने डेमोक्रेटिक नेताओं की आपत्तियों के बावजूद अराजक बताते हैं। ट्रंप द्वारा अपने पहले कार्यकाल के दौरान नियुक्त किए गए इमरगुट ने ही रिपब्लिकन राष्ट्रपति को कम से कम 18 अक्टूबर तक सेना भेजने से रोक दिया।

    वकीलों ने क्या कहा?

    गौरतलब है कि ट्रंप ने पोर्टलैंड शहर को युद्धग्रस्त बताते हुए नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती करने का आदेश दिया था। लेकिन इस मामले पर ओरेगन अटॉर्नी जनरल कार्यालय के वकीलों ने कहा है कि पोर्टलैंड में विरोध प्रदर्शन "छोटे और शांत" थे। इसी वजह से 19 जून तक सिर्फ 25 गिरफ्तारियां हुई। जबकि इसके बाद तीन महीनों में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।

    व्हाइट हाउस करेगा अपील करेगा

    व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एबिगेल जैक्सन ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने हिंसक दंगों और कानून प्रवर्तन पर हमलों के बाद पोर्टलैंड में संघीय संपत्तियों और कर्मियों की सुरक्षा के लिए अपने वैध अधिकार का प्रयोग किया है। हमें उम्मीद है कि उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें दोषमुक्त किया जाएगा।"

    आपत्तियों के बावजूद सेना भेजने की तैयारी

    ट्रंप पहले ही लॉस एंजिल्स और वाशिंगटन डी.सी।की पुलिसिंग के लिए नेशनल गार्ड भेज चुके हैं, और उन्होंने कहा है कि वह कई अन्य शहरों में भी सेना भेजेंगे। इससे पहले शनिवार को, इलिनॉय के गवर्नर, जो एक डेमोक्रेट हैं, जेबी प्रिट्जकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि ट्रंप उनकी आपत्तियों के बावजूद शिकागो में 300 नेशनल गार्ड सैनिक भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

    ( समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ )

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